Book Title: Bhagwan Mahavir Ki Acharya Parampara
Author(s): Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
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दर्शनज्ञानचारित्राणि मोक्षमार्ग
જયદેવ
सौराष्ट्रका द्विपायन श्रावक सूत्र लिखनेका विचार कर घरके स्तंभ पर सूत्र लिख रहा है
सम्यक दर्शनज्ञानचारित्राणि मो
द्विपायन श्रावककी अनुपस्थितिमें मुनिराज उसके घर आहार हेतु पधारे और स्तंभमें लिखे हुए सूत्रमें सुधार किया ।
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