Book Title: Bhagwan Mahavir Ki Acharya Parampara
Author(s): Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust

View full book text
Previous | Next

Page 232
________________ मुनिराज भक्ति ऐसे मुनिवर ____ जाके देखें, राग-द्वेष वनमें.....(२) नहीं तनमें....... ग्रीष्म ऋतु शिखर मगन के उपार.....(२) रहे ध्याननमें......१ ग्रीष्म ऋतु पहाड शिखर चातुर्मास तुरुतल बुंद सहे ठाडे......(२) छिन छिन में......२ वर्षा ऋतु वृक्ष नीचे ध्यान शीतमास दरिया के किनारे......(२) । धीरज धारे ध्याननमें......३ शीत ऋतुमें नदी किनारे ध्यान जैसे गुरुको मैं नित प्रति ध्याऊँ......(२) देत ढोक चरणनमें.......४ (215)

Loading...

Page Navigation
1 ... 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242