Book Title: Bhagwan Mahavir Ki Acharya Parampara
Author(s): Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
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क्रम शास्त्रका नाम
आचार्यका नाम
आचार्यपद समय(ई.स.में) पृष्ठ
१६१ १७१ १६४
१८०
९०५-९५५ ९५०-१०२० ९३३-९५५ ९८१ १२७-१७९ आठवीं शताब्दी चौथी शताब्दी ८-९वी शताब्दी ७७६-८४०
८०
१२६
१४७
१४५
१६६
१६५ लघुतत्त्वस्फोट १६६ लघुद्रव्यसंग्रह टीका १६७ लघुनयचक्र १६८ लब्धिसार १६९ लिंगपाहुड
वरांगचरित्र १७१ वादन्याय १७२ वादन्यायविचिक्षण १७३ विद्यानंद महोदय १७४ विस्तरतत्त्वत्रिभंगी १७५ व्याख्याप्रज्ञप्ति १७६
व्याख्याप्रज्ञप्ति १७७ व्याख्याप्रज्ञप्ति(मौखिक) १७८ शकटायनन्यास १७९ शब्दाम्भोजभास्कर १८० शांतिचक्रपूजा १८१ शीलपाहुड १८२ श्रावकाचार १८३ श्रीपुरपार्श्वनाथ स्तोत्र १८४ श्रुतभवनदीपक नयचक्र १८५ श्रुतावतार १८६ श्रुतावतार गद्य १८७ षट्खंडागम १८८ षट्खंडागम टीका १८९ षटखंडागम (मौखिक) १९० षण्णप्रतिक्रमण १९१ सत्याशासनपरीक्षा १९२ सन्मतिसूत्र
अमृतचंद्रस्वामी प्रभाचन्द्र-४ देवसेनाचार्य नेमिचंद्र सि.च. कुंदकुंदाचार्यदेव जटासिंहनन्दी श्रीदत्तजी कुमारनंदि विद्यानंदस्वामी कनकनंदि सि.च. बप्पदेव अमितगति-२ शुभनंदि, रविनंदि प्रभाचन्द्र-४ प्रभाचन्द्र-४ इन्द्रनंदि आचार्य कुंदकुंदाचार्यदेव वसुनंदि विद्यानंदस्वामी देवसेनाचार्य इन्द्रनंदि आचार्य श्रीधर आचार्य पुष्पदंत, भूतबलि समंतभद्रस्वामी धरसेनाचार्य सोमदेवसूरि विद्यानंदस्वामी सिद्धसेन
प्रथम शताब्दी ६८ ९८३-१०२३ १८३ प्रथम शताब्दी पूर्वपाद ६७ ९५०-१०२० १७१ ९५०-१०२० १७१
८०
१२७-१७९ १०६८-११११ ७७६-८४० ९३३-९५५
१९९ १४५
१६४
१६५
१४वीं शताब्दी ६६ - १५६ १३८-१८५ ३८ - १०६ ९४३-९६८
१६७
७७६-८४०
१४५
५६८
११२
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