Book Title: Bhagwan Mahavir Ki Acharya Parampara
Author(s): Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
View full book text ________________
क्रम शास्त्रका नाम
आचार्यका
आचार्यपद समय(ई.स.में) पृष्ठ
नाम
६१८-६५० १२७-१७९ प्रथम शताब्दी १४वीं शताब्दी ९८३-१०२३ १२७-१७९
मानतुंगस्वामी कुंदकुंदाचार्यदेव शिवकोटि श्रीधर आचार्य अमितगति-२ कुंदकुंदाचार्यदेव इन्द्रनंदि आचार्य इन्द्रनंदि आचार्य कुंदकुंदाचार्यदेव वसुनंदि कुंदकुंदाचार्यदेव सोमदेवसूरि सोमदेवसूरि
१६५
१६५
८०
१२७-१७९ १०६८-११११ १२७-१७९ ९४३-९६८ ९४३-९६८
१९९ ८०
१६७
१६७
१३८ भक्तामरस्तोत्र १३९ भक्तिसंग्रह १४० भगवती आराधना १४१ भविष्यदत्त चरित १४२ भावनाद्वाविंशतिका १४३ भावपाहुड १४४ भूमिकल्प १४५ मुनिप्रायश्चित्तप्राभृत १४६ मूलाचार १४७ मूलाचार टीका १४८ मोक्षपाहुड १४९ यशस्तिलक चम्पू १५० युक्तिचिंतामणिस्तव १५१ युक्त्यानुशासन/
वीरजिनगुणकथा १५२ युक्त्यानुशासनालंकार १५३ योगप्रदीप
योगसार १५५ योगसारप्राभृत १५६ योनिप्राभत(मौखिक) १५७ रत्नकरंडक श्रावकाचार टीका १५८ रत्नकरंडक श्रावकाचार १५९ रयणसार १६० लघीयस्त्रय १६१ लघीयस्त्रय टीका १६२ लघुद्रव्यसंग्रह १६३ लघु सर्वज्ञसिद्धि १६४ लघु सामायिक पाठ
९१
१४५ १९१ १०५ १६२
१५४
१७१
समंतभद्रस्वामी विद्यानंदस्वामी शुभचंद्र योगीन्दुदेव अमितगति-१ धरसेनाचार्य प्रभाचन्द्र-४ समंतभद्रस्वामी कुंदकुंदाचार्यदेव अकलंक आचार्य प्रभाचन्द्र-४ नेमिचंद्र सिद्धांतिदेव अनंतकीर्तिजी अमितगति-२
१३८-१८५ ७७६-८४० १००३-१०६८ छठवीं शताब्दी ९२३-९६३ ३८-१०६ ९५०-१०२० १३८-१८५ १२७-१७९ ६२०-६८० ९५०-१०२० १०६८ ८वीं शताब्दी ९८३-१०२३
.
१२२ १७१ १९८ १४६ १८३
(221)
Loading... Page Navigation 1 ... 236 237 238 239 240 241 242