Book Title: Bhagwan Mahavir Ki Acharya Parampara
Author(s): Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
Publisher: Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust
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भगवान आचार्यदेव श्री अभिनव धर्मभूषण यति
धर्मभूषण नामक कई भट्टारक, विद्वान आदि हुए हैं। उन सबसे भिन्न धर्मभूषणजी मुनि थे। आपने अपनेको अन्य धर्मभूषणजीसे भिन्न दर्शाने हेतु 'अभिनव' विशेषण लगाया है। आप स्वयम् मुनि होनेसे आपने अपने पीछे 'यति' विशेषण भी लगाया है।
आपके मातापिता, जन्मस्थान आदिका कोई उल्लेख कहीं नहीं मिलता है। फिर भी विजयनगर साम्राज्यके स्वामी प्रथम देवराय और उनकी पत्नी भीमादेवी आपके भक्त थे व आपको
पया
'न्यायदीपिका' ग्रंथके न्यायोंमें मग्न आचार्य अभिनव धर्मभूषण यति
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