Book Title: Anantnath Charitra Dudhrutam Pujashtakam
Author(s): Nemichandrasuri
Publisher: Raichand Gulabchand Shah

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Page 13
________________ | जाइ सासयजिणे नमिउं ॥ ७३ ॥ उवभुंजिऊण रज्जेसु तिसुवि लच्छि पभूयकालं सो । रयणावलीसुयं कुसुमपरिमलं नाम ठविय पए ॥ ७४ ॥ गुरुनयणवेगपासे घेत्तुं दिक्खं कलत्तकलिएण । उपपन्नकेवलेणं पत्तं मोक्खम्मि नरवइणा || ७५ || कुसुमेहिं जहा रइया पूया एएण भूमिनाहेण । परमाणंदसुहत्थं कज्जा अन्नेण वि तहेव ॥ ७६ ॥ - कुसुमपूजा - 555 5 5 एसो हु कुसुमपूयाफलम्मि सिरिकुसुमसे हरो कहिओ । अक्खयपूयाए कहं अक्खयकित्तिस्स निसुणेह ॥ ७७ ॥ 55555 मसिणियघुसिणरसेणव अरुणारुणरयणभवणकिरणेहिं । रंजंती दिसिवयणाई कित्तिकलिया पुरी अत्थि ॥ ७८ ॥ मणि| कुट्टिमसंकंताहिं जीए निसि गिहिणीउ मुद्धातो । विलयाओ वेलविज्जंति मोतियाई ति ताराहिं ॥ ७९ ॥ ससहरजोहाभरसरिस कित्तिपब्भारभरियभुवणययलो । निम्मलकित्ती नामेण नरवई विलसए तत्थ ॥ १८०॥ वामकरेणेक्केणं इय|| रेणुब्भामियासिजणिएण । फरएणव बिइएणं धरिएण रणंमि जो सहइ ॥ ८१ ॥ पट्टमहादेवीपयपहुत्तमुबहइ तस्स सिय| सीला । लीलायमाणदेहा कित्तिसिरी नामिया दइया ॥ ८२ ॥ अञ्च्चन्भुयस्सरूवं जीए रूवं पलोइउं दूरं । अरईए परिग्गहिया रई वि सह तरुणलोएण ॥ ८३ ॥ तीए समत्थि गुरुअत्थिसत्थपविइन्नअत्थवित्थारो । पुत्तो अक्खय कित्ती नामेणं कम्म - गाविसया ॥ ८४ ॥ यस्सी दित्तिपहुच ईसरसिरसेहरो ससहरोध । पसमरसियमई सबया सुसाहुब जो सहइ ॥ ८५ ॥ निम्मलकलाकलावं परिकलयंतस्स तस्स पुणरुत्तं । जंति दिणाई निरंतरपिउपयसेवापसत्तस्स ॥ ८६ ॥ सहितो कयाइ | समवयसिंगारियरायउत्तमित्तेहिं । आरुहिय तुरंगं तुरयवाहियालीए संपत्तो ॥ ८७॥ पुलभमिवारिकाहिं (?) वाहिय तुरयं | निवारिडं मित्ते । दाऊण कसाघायं सो मुक्को तेण वेगेण ॥ ८८ ॥ विरइयगुरुतरवेओ हओ गतो जाव दुरदेसम्म । | मित्तेहिं ततो तुरया कुमरपहे पेरिया तुरियं ॥ ८९ ॥ महमग्गम्मि महीए इंति इमे नो नहत्ति कलिडंव । सहसत्ति समुप्पइतो कुमरतुरंगो नहयलेण ॥ १९० ॥ गुरुपवणनयणमणजवजइणा वेगेण जाइ गयणयले । कुमरतुरओ रयेणं जेउं पिव अक्षतपूजायां अक्षतकीर्तिकथा

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