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अज्ञानतिमिरनास्कर. तौरत ग्रंथमें नूह प्रमुखकी ६०० सौ, 300 सौ, ए00 सौ वर्षतककी आयु लिखी है इस वास्ते क्या वेदाहीका कहना सत्य, अन्यथा नही ? इतिहासतिमिरनाशकका लिखनेवाला वेद स्मृति पुराणादिकके अनुसारही बहुत वातो लिखता है, क्या अन्य पुस्तक कोई नही जिसका प्रमाण लिखा जाय, तथा अंग्रेज जो पुरानी बातका पत्ता लिखता है वो ६००० हजार वर्ष अंदरहीका लि. खता है, इसामसीहका कहना सत्य करता है.
कितनेक कहते है कि ६००० हजार वर्षके पहिलेकी को इमारत वा सिक्का नहि मिलता है इस वास्ते ६००० हजार वर्षके अंदरही सर्व वस्तुका बनेका अनुमान करता है, तिसका ननर यह है कि
इमारततो इतने वर्षतक रह नही शकती हे और पुराने सिक्के सर्व, श्री पार्श्वनाथके जन्म कल्याणकमें धरतीसें निकालके पार्श्वनाथके घरमें इं और देवताओने माल देनेसे पुराना सिका नहि मिलाता है, यह लिखना जैनमतानुसार है. और अनादि कालकी सर्व खबर और यथार्थ स्वरूप इस कालका अल्प बुदिवान इतिहास लिखनेवाले नहि कह शकते है तो फिर इनके लिखनेसे बहुत कालकी प्राचीन बातां जैनमतकी गलित नहि हो शक्ती है; और जो इतिहासतिमिरनाशकवाला लिखता है कि इतना बडा घामा ओर स्त्री कहां मिली होगी तो हम पुछते है कि क्या घोमा, स्त्री बमे होनेकी नास्ति है, यह तो प्रसिद्ध है कि जैसा पुरुष बना होता है तैसी स्त्रीनी बझी होती हे. - और जो इतिहासवालेको यह फिकर दुआ कि धरति थोडी
और वस्ति बहुत सोनी अक्कलकी अजीर्णता है क्योंकि इस पुनिया नपर अनंत काल वित्या है क्या जाने समुश्का कहांसें प्रा
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