Book Title: Agam 15 Upang 04 Pragnapana Sutra Stahanakvasi
Author(s): Shyamacharya, Madhukarmuni, Gyanmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ सम्पादन-सहयोगी सत्कार प्रस्तुत आगम के अनुवाद तथा सम्पादन कार्य में जिन उदार सद्गृहस्थों तथा संस्थानों ने श्री शालिग्राम जैन प्रकाशन समिति खरड़ (रोपड़) के संयोजन में आर्थिक सहयोग प्रदान किया, उनकी शुभ नामावली इस प्रकार है D सेठ शोरीलालजी जैन (सुपुत्र-ला. बालमुकुन्दलाल जैन सर्राफ, रावलपिंडी वाले) [] धर्मशीला श्रीमती जसवंती देवी जैन [धर्मपत्नी---श्री प्रेमचन्दजी जैन, मोगा (पंजाब)] // श्री छज्जूराम एण्ड सन्स जी. टी. रोड, मण्डी गोविन्दगढ़ (पंजाब) - धर्मशीला श्रीमती कौशल्यादेवी अग्रवाल धर्मपत्नी-ला. नत्थूरामजी, मंडी गोविन्दगढ़ [] धर्मशीला श्रीमती वीणादेवी धर्मपत्नी--श्री ओमप्रकाशजी जी. टी. रोड, मंडी गोविन्दगढ़ D सेठ नरेन्द्रकुमार प्रेमनाथ अग्रवाल सहारनपुर (उ. प्र.) " धर्मशीला श्रीमती लेखा जैन धर्मपत्नी–ला. शादीरामजी जैन, बजाज, होशियारपुर (पंजाब) " शालिग्राम जैन प्रकाशन समिति खरड़ (रोपड़) पंजाब ला. शान्तिलालजी जैन जैन ट्रेडिंग कम्पनी, B. 34, जी. टी. करनाल रोड, दिल्ली 53 प्राशा है दानी सज्जनों का भविष्य में भी इसी प्रकार श्रुत-सेवा कार्य में सत्सहयोग मिलता रहेगा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org