Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 13
________________ ७१ ७२ ७३ ७४ ७५ ७६ 66 ७८ ७९ ८० ८१ ८२ ८३ ८४ ८५ ८६ & ९१ ९२ ९३ ९४ ८ मोहके विषयभूत कपायका भेद सहित निरूपण कालयवर्ती कषायका निरूपण प्रतिमा के स्वरूपका निरूपण जीवास्तिकाय के विपरीत अजीवास्तिकायका भेद सहित निरूपण फलके दृष्टान्त से पुरुषादिका निरूपण सत्यासत्य निमित्तक प्रणिधान के स्वरूपका निरूपण पुरूष के स्वरूपका निरूपण लोकपालादिकों के स्वरूपका निरूपण प्रमाण के स्वरूपका निरूपण ८७ क्षयके परिणामों के क्रमका निरूपण ८८ हास्य के कारणोंका निरूपण ८९ दृष्टान्त दान्तिक पूर्वक अन्तरमूत्रका निरूपण भेदसहित मृतकका निरूपण देवत्वका निरूपण दिक्कुमार महत्तरिकाओंका निरूपण भेदसहित दृष्टिवादका निरूपण प्रायश्चित्तका निरूपण काल स्वरूपका निरूपण पुद्गलों के परिमाणका निरूपण जीवद्रव्य के परिणामोंका निरूपण दुर्गति - सुगतिरूप परिणामों के एवं दुर्गत- सुगतों के भेदोंका निरूपण विकृति स्वरूपका निरूपण दृष्टान्त और दाष्टन्तिक सहित कूटागार आदिका निरूपण दान्तिक स्त्री सूत्रका निरूपण प्रज्ञप्तिका निरूपण શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૨ ४६३-४७६ ४७७-४८४ ४८५-४८७ ४८८ - ४८९ ४९०-४९३ ४९४-५०० ५०१-५१४ ५१५-५२६ ५२७-५३० ५३१-५३४ ५३५-५३६ ५३७-५४१ ५४२-५४४ ५४५-५४६ ५४७-५५० ५५१-५५५ ५५६-५५७ ५५८ ५५९-५६१ ५६२-६६६ ५६६-५७३ ५७४ ५७५-५७७ ५७८-५७९ ५८०-५८१

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