Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

Previous | Next

Page 11
________________ निग्रन्थोंका निरूपण ८५-१०० वचन, मन का और उनके निषेधका निरूपण १०१-१०३ वृष्टिकायका निरूपण १०४-१७ अधुनोपपन्नदेवोंका निरूपण १०८-१२२ देवों के व्यापारोका निरूपण १२३-१२९ देवों के विमानका निरूपण १३०-१३४ जीवकी गतिका निरूपण १३५-१३८ निर्ग्रन्थ अनगारोंके आचारका निरूपण १३९-१५६ कर्मभूमिका निरूपण १५७ कर्मभूमिमें रहे हुवे मनुष्यों के धर्मका निरूपण १५८-१६५ नरकावासका निरूपण १६६-१७३ मिथ्यात्वका निरूपण १७४-१८० धर्मके स्वरूपका निरूपण १८१-१९१ अर्थादि विनिश्चयके कारणों की परम्पराका निरूपण १९२-१९७ चौथा उद्देशा अनगारकी कल्पविधिका निरूपण १९८-२०२ काल और वचनकी प्ररूपणा २०३-२०७ पर्यायान्तरका निरूपण २०८-२१६ मनुष्यक्षेत्र स्वरूपनिरूपणम् २१७-२२१ सामान्य पृथिवी देशका निरूपण २२२-२२८ किल्बिषिक देवका निरूपण २२९-२३१ इन्द्रकी परिषदका निरूपण २३२-२३२ पायश्चित्तवालोंका निरूपण २३३-२४१ योग्य व्यक्तियों को प्रव्रज्यादानका निरूपण २४२-२५३ याचनादि विषयमें योग्यायोग्यका निरूपण २५४-२५८ प्रज्ञापनीय वस्तुका निरूपण २५९-२६५ कल्पस्थितिका निरूपण २६६-२७४ नारकादिकोंके शरीरका निरूपण २७५-२७६ ४३ ४४ શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૨

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 819