Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

Previous | Next

Page 10
________________ स्थानाङ्गसूत्र भा. २ दूसरेकी विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क विषय xx 2050 तीसरे स्थानका दूसरा उद्देशा दुसरे उद्देशेका विषय विवरण लोकके स्वरूपका निरूपण चमरादिकोंकी परिषदका निरूपण धर्म विशेषकी प्रतिपत्तिका निरूपण वोधिशब्दसे अभिधेय धर्मादिका निरूपण भेदसहित प्रव्रज्याका निरूपण व्रतारोपणके कालका निरूपण पुरुषके भेदोका निरूपण संसारी जीवोंकी प्ररूपणा पूर्वक सर्वजीवका निरूपण दिशाओका और दिशाओंके आश्रित होनेसे गत्यागतिका निरूपण त्रसजीवोंका और उनसे विपरीत स्थावर जीवों के स्वरूपका निरूपण जीवपदार्थका निरूपण दुःख के स्वरूपका निरूपण परमतका निराकरण पूर्वक स्वमतका निरूपण १०-१४ १५-१६ १७-२२ २३-२६ २७-३९ ४०-४३ 2 ४४-५३ 2 ५४-५५ ५६-५७ ५८-६२ ६३-७१ तीसरा उद्देशा कषायवाले जीवोंकी मायाका निरूपण आलोचना आदि करनेवालेका निरूपण शुद्धिकरनेवालोंकी आभ्यन्तर और वाह्य संपत्तिका निरूपण वस्त्रग्रहण के कारणोका निरूपण ७२-७७ ७८-८१ ८२-८३ શ્રી સ્થાનાંગ સૂત્ર : ૦૨

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 819