Book Title: Yatindrasuri Diksha Shatabdi Samrak Granth
Author(s): Jinprabhvijay
Publisher: Saudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
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काpaas. रामानी (D) 10001
सुरेन्द्रसिंह पोखरणा
वरिष्ठ वैज्ञानिक भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन
अहमदाबाद
सन्देश 190
परम आदरणीय मुनिश्री जी
आपका समारोह का नियंत्रण प्राप्त हुआ। इसके लिए हार्दिक धन्यवाद। साथ में जो पुस्तिका भेजी उसे पढ़कर लगा कि श्रीमद् यतीन्द्र सूरिजी महाराज के दीक्षा का शताब्दी समारोह मनाना अत्यन्त उपयुक्त है। ऐसे समारोह मनाने से हम जैन धर्म और महान आचार्यों के कार्यों तथा त्याग को सही परिप्रेक्ष्य में समझने का अवसर मिलता है। हमारा कर्त्तव्य को सही परिप्रेक्ष्य में समझने का अवसर मिलता है। हमारा कर्त्तव्य है कि हम इन कार्यों की समीक्षा आज की समस्याओं के संदर्भ में करे तथा हम महान सिद्धांतों की उपयोगिता इस भौतिक युग में समझे। डाक वैज्ञानिक होने के नाते में दावे के साथ कह सकता हूं कि जीवन रूपी गाड़ी को चलाने के लिए विज्ञान तथा धर्म दोनों आवश्यक है। ____ गाड़ी डाक पहिये से नहीं चलती। जब विज्ञान का प्रयुत्व बढ़ता जा रहा है तथा धर्म का प्रभाव कम हो रहा है सो यहीं आज के जीवन की समस्याओं की जड़ है। आज द्वारा आयोजित शताब्दी समारोह इस अन्तर को कम करने में उपयोगी सिद्ध होगा। यदि मेरी शुभकामनाएं हैं। मैं इसकी हार्दिक सफलता की मनोकामना करता है। शाक धिानमक किनामीकार
धन्यवाद।
आपका शुभेच्छु फवामी
सुरेन्द्रसिंह पोखरणा प्रति, ज्योतिषाचार्य मुनि श्री जयप्रभविजयजी 'श्रमण' श्री मोहनखेड़ा तीर्थ
प्रधान सम्पादक
श्री यतीन्द्रसूरि दीक्षा शताब्दी स्मारक ग्रंथ NPNENERNENENER/NUSUNUWARENENIRUNANBNENE (12) NENERUNERNENERUNARENENINARUNNINENERENx
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