Book Title: Yatindrasuri Diksha Shatabdi Samrak Granth
Author(s): Jinprabhvijay
Publisher: Saudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
View full book text
________________
लिन
0:002RRE)
हरिशचन्द्र जैन
सन्देश
कामा
गजमा मान्यवर :19 गीगानाचगाको कारण यात्रा
बाप्रकार 22 जून 1997 से आप श्रीमद् यतीन्द्रसूरि दीक्षा शताब्दी स्मारक ग्रंथ शताब्दी वर्ष प्रारंभ कर रहे हैं।
आइजिशिना कागा आपका यह कार्य जिन शासन एवं श्रमण संस्कृति की प्रभावना का अंग जाना
है। यह ज के भौतिक युग में अंधकार में प्रकाश का कार्य करेगा यह मेरा मत है। PISi - संक्षिप्त में स्मारक ग्रंथ जैन साहित्य का एक ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक दीपस्तंभ होगा।
इससे जन-जन मानसिक एवं आत्मिक लाभ प्राप्त करेंगे। ऐसा मेरा विश्वास
निगमशागत का शिकार गायक- शिवाजहार का मोहालकीणी गा माह। हम काजसधन्यवाद।
किसान विकासकातीकक नितीशाक मनानालालजा विकिमाना भवदीय -Map
शीण हरिशचन्द्र जैन की
प्रति, ज्योतिषाचार्य मुनि श्री जयप्रभविजयजी 'श्रमण' श्री मोहनखेड़ा तीर्थ
गीतमाम प्रधान सम्पादक
श्री यतीन्द्रसूरि दीक्षा शताब्दी स्मारक ग्रंथ NXX*XXXXXXXXXXXXXXXNXRESYRERERURYRXA2 (10) RURYSYNYRENS RENESE NENE NENNERXXNXNXX
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org