Book Title: Vruttamuktavali
Author(s): H D Velankar
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishtan

View full book text
Previous | Next

Page 27
________________ नाम पृष्ठ क्रीडाचक्र कुण्डलिका कृति " 9 NMMA । बर्द्धमाना गायत्री प्रतिष्ठा द्विपदाविराड त्रिपदाविराड़ वक्रपद चर्चरी चञ्चला चतुर्वचन चतुरंस चतुष्पदी १,३,७ २, १२ १,० १,३,८ २६ २,३,६,७,१८ २,१२ जगती खञ्जविशाल खजा खजोपविशाल गगनाङ्गः गन्धानक गाथा गाथिका गायिनी गायत्री प्रष गायत्री देवी मासुरी प्राजापत्या याजुषी साम्नी प्रार्थी ब्राह्मी चतुविशत्यक्षरा एकपदा स्वराड़ उष्णिग्गर्भा द्विपदा अवसाना त्रिपदा पावनिचत विराट् शंङ्क मती, विराट् छन्दो विराट् द्विपदा , अनिरुक्ता प्रतिपादनिवृत " नागी वाराही चन्द्र चम्पकमाला चामर चुलियाला जगती पार्षी देवी प्रासुरी प्राजापत्या याजुषी साम्नी मार्ची १, ३, १० १,२,१० १,२,११ २, १२ ३,६ ३, १० १, २, ११ १, २, ११ २, १२ ब्राह्मी wwwwwrow - Mr.M.mam.orm marrm पुरस्ताज्ज्योतिः , मध्येज्योतिः , उपरिष्टाज्ज्योतिः, ज्योतिष्मती प्रति ३,४,१३ जनहरण झुल्लन तरलनयना तारक ताल ताली तिलक

Loading...

Page Navigation
1 ... 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120