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तथा शान्ति की स्थापना हो सकती है" House of people के डिप्टं स्वीकर श्री Anantrasayanam Ayyengar ने भी
वीकार किया, "जब संकार की दो बड़ी प्रतियां ऐटी तथा हाइड्रोजन बन्बों द्वारा संसार को नष्ट करने पर तुली खड़ी हैं, तो भ० महावर द्वारा प्रचलित अहिंसा ही संसार में शान्ति स्थिर र सकती है । भारत यूनियन के मन्त्री श्री गुलजारीलाल नन्दा का भी यही कहना है, "भ. महावीर ने संसार के सामने जो सस्ता रखा है, वह शांति और अमन का रास्ता है । इसलिये उनके लिद्धांत को सफल बनाना चाहिए । डा० सैदीन कचलू के शब्दों में"आज संसार में तीसरी लड़ाई के सामान ऐ । तर के से पैदा किये जा रहे हैं कि लोग इस लड़ाई से अलग नहीं रह सकते । इस समय जरूरत है कि भ० महावीर के उदेशों को फैला कर आने वाले विश्व युद्ध को रोका जाये।
भ. महावीर तीनों लोक. तीनों काल के समस्त पदार्थों और उनके गुणों को जानने वाले थे। जिन बातों को काज के प्रसिद्ध वैज्ञानिक भी नहीं जानते वह भ० महावीर के केवल ज्ञान रूपो दर्पण में स्पष्ट झलकती थी। आत्मिक विद्या के वैज्ञानिक Prcf William Mc, Goug: के शब्दों में, "आज के विद्वान् केवल पुद्गल को ही जानते हैं, परन्तु जैन तीर्थंकरों ने जीव (यात्मा) की भी खाज की । जर्मनी के डा० अनेस्ट लायसेन के कथनानुसार, 'श्री वर्द्धमान महावीर केवल अलौकिक मारुष १ This brok's P.32.
When ihe two major power blcks of the world are engaged in experi:ncing Atom bomb and Hydrogen bomd; the teachings of Atinia. preached by MAHAVIRA is of great significance to establish
1 EACE in the world. -Tribune (April 17, 1954) P.2 ३.४ दैनिक उर्दू प्रताप नई देहली (२८ अप्रैल १६४) पृ० ।। ५ What is Jainism ? P. 43.
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