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आर्थकता का गाँव
नाजा सिद्धार्थ का पितृत्व नानी त्रिशला की ममता पिन कुण्डलपुर दासियों ( के सौभाग्य की क्यों समता कण-कण में धर्म पल-पल में सुनव 'लोग हमें क्यों नहीं लगाते तालों को दु-नव कुण्डलपुर की सुबह-दोपहन-शाम हर्ष या उल्लास के नाम
वृक्ष ने पल को जन्म दिया पुष्प ने सुगध को दूध ने मवनवन को बादल ने नीर को सागर ने रत्ननाशि को भाषा ने कविता को मात ने सुबह को और कुण्डलपुर ने महावीर को
तीर्थक्न महावीर अर्थात् ऐसा सूर्य जो कभी नहीं ढला कुण्डलपुर बोला"मैं एक छोटा-सा गाँव सही पर धरती का ऐसा कौन सा स्थान है जो मेसी सार्थकता से नहीं जला !"
प्रकाश-पर्व : महावीर /13
ACHARYA SRI KAILASSAGARSURI GYANMANDIR
SRI MAHAVIR JAIN ARADHANA KENDRA Koba, Gandhinagar-382009..
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