Book Title: Tirthankar Mahavir
Author(s): Subhadramuni
Publisher: University Publication New Delhi

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Page 142
________________ सुबह-शाम नहाने से यदि मोक्ष पाते तो पानी के सभी जीव मुक्त हो जाते । पानी से पाप धोने जैसे सिद्धान्तों से मुक्ति के द्वार नहीं खुलते पानी यदि पाप धो सकता तो पुण्य भी धुलते। कोई भ्रमण नहीं होता सिर मुण्डा लेने से कोई नहीं होता ब्राहमण 'अइम्' को रट-रटा लेने से कोई मुनि नहीं होता निर्जन वन को घर बना लेने से कोई नहीं होता तपस्वी तन पर कुशा के वस्त्र सजा लेने से । प्रकाश-पर्व : महावीर /121 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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