Book Title: Tirthankar Mahavir
Author(s): Subhadramuni
Publisher: University Publication New Delhi

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Page 149
________________ कार्तिक अमावस्या का सघन उधकार क से देहातीत साकार से निसाकार भगवान् महावीर ने अज्ञान व कर्मों के अन्धकान मिटाये इसलिये देवों ने उन के परिनिर्वाण की महिमा में प्रकाशमान रत्न वे मनुष्यों ने दीपक जलाये उस महापुरुष का परिनिर्वाण भी प्रकाश का महोत्सव बनकर रहा इसे जन-जन ने 'दीपावली' कहा हम सबके उधकार का भी क्षय हो जय हो भगवान् महावीर की जय हो। प्रकाश-पर्व : महावीर /128 For Personal & Private Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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