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चळमा की तरह वह सुनव-शान्ति की शीतलता बरसायेगा, सूर्य बन कर अज्ञान और दुम्लवों का अंधकार मिटायेगा, समय लोक में अकी
यश: पताका पहलायेगी, धर्म के महल में कलश की तरह शीर्ष-स्थान पायेगी, बहुत से कायों के बीच वह शूर होगा
प्रकाश-पर्व : महावीर /21
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