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तुम आजव्द के अथाह क्षीरसागर में खोने वाली हो
एक महानतम
की माँ होने वाली हो
पुत्र
मैं उसका पिता कहलाऊंगा
और उसी के कारण युगे-युगे तक अमर हो जाऊंगा
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ऐरावत हाथी जैसा
होगा वह उजाला और सशक्त सभी जीव होंगे उसके भक्त, मोती उगेंगे
जगह-जगह सूनवी गेल मे
जब वह कृपक्ष के समान
धर्म के बीज बोयेगा खेत-खेत में
केसरी सिंह जंगल पर राज करता है।
वह
अपनी इच्छाओं पर राज करेगा
काम
उसके पास पटकने से डरेगा,
प्रकाश पर्व : महावीर / 19
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