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जैन एवं बौद्ध भिक्षुणियों के आहार सम्बन्धी नियम
आहार सम्बन्धी नियमों में ज्यादा अन्तर नहीं था। जैन संघ अति कठोरता में विश्वास
करता था जबकि बौद्ध संघ मध्यममार्गी था ।
सन्दर्भ :
१. दशवैकालिक, १/२-४.
२. वही, ८ / २३.
३. वही, ५ /१ / २७, ५/१/५६.
४. वही, ५/१/२५.
वही,
५.
५/१/३९.
६. वही, ५ /१/४७.
७. बृहत्कल्पसूत्र, २/१३.
८. वही, ५/१६
९. दशवैकालिक, ५/१/८.
१०. वही, ५/१/७.
११. वही, ५ / १ / १३-१४.
१२. स्थानांङ्ग, ४/२८८. १३. दशवैकालिक, ५/१/९-१०.
१४. उत्तराध्ययन, २४ / १२.
१५. दशवैकालिक, ८/२८.
१६. वही, ६ / २४ - २६, बृहत्कल्पसूत्र, १/४४, ५/४७.
१७. बृहत्कल्पसूत्र, ३/३४.
१८. चुल्लवग्ग, पृष्ठ ३७९.
१९. पातिमोक्ख, भिक्खुनी पाचित्तिय, १.
२०. महावग्ग, पृष्ठ २३३-२३६.
२१. पातिमोक्ख, भिक्खुनी पाचित्तिय १३२. २२. पातिमोक्ख, भिक्खुनी पाचित्तिय १२०. २३. पातिमोक्ख, भिक्खुनी सेखिय, ३५-४०. २४. पातिमोक्ख, भिक्खुनी सेखिय २५. पातिमोक्ख, भिक्खुनी सेखिय, २७.
२७.
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