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दिगम्बर जैन जातियाँ : उद्भव एवं विकास : १९
मुरैना तथा ग्वालियर क्षेत्र के पल्लीवालों के ३५ गोत्र हैं। जबकि नागपुर के पल्लीवालों के १२ गोत्र ही हैं। ७. नरसिंपुरा
नरसिंहपुरा जाति के प्रमुख केन्द्र हैं राजस्थान में मेवाड़ एवं बागड प्रदेश। वैसे इस जाति की उत्पत्ति भी मेवाड़ प्रदेश के नरसिंहपुरा नगरी से मानी जाती है। इसी नगर में सेठ भाहड श्रावक रहते थे जो श्रावक धर्म पालन करते थे। भट्टारक रामसेन ने अनेक क्षत्रियों को जैनधर्म में दीक्षित कर नरसिंहपुरा जाति का उद्भव किया।१७ इस जाति की उत्पत्ति संवत् १०२० में मानी जाती है तथा यह २७ गोत्रों में विभाजित है।
प्रतापगढ़ में नरसिंहपुरा जाति के भट्टारकों की गद्दी थी। भट्टारक रामसेन के पश्चात् जिनसेन, यशकीर्ति, उदयसेन, त्रिभुवनकीर्ति, रत्नभूषण, जयकीर्ति आदि भट्टारक हुए। ये सभी तपस्वी एवं साहित्य प्रेमी थे और प्रदेश में विहार करते हुए समाज में धार्मिक क्रियाओं को सम्पादित कराया करते थे। काष्ठासंघ नदीतट गच्छ विद्यागण नरसिंहपुरा लघु शाखा आम्नाय में भट्टारकों की संख्या ११० मानी जाती है। अन्तिम भट्टारक यशकीर्ति थे। यह जाति भी दस्सा-बीसा उप जातियों में विभक्त है। सिंहपुरा जाति भी एक दिगम्बर जैन जाति थी जो संवत् १४०४ में नरसिंहपुरा जाति में विलीन हो गई।१८ ८. ओसवाल
ओसवाल दिगम्बर समाज की भी एक जाति रही है। ओसवाल जाति का उद्गम स्थान ओसिया से माना जाता है। ओसवालों में दिगम्बर और श्वेताम्बर दोनों ही धर्मों को मानने वाले पाए जाते हैं। मुलतान से आये हुए मुलतानी ओसवालों में अधिकांश दिगम्बर धर्म को मानने वाले हैं। मुलतानी ओसवाल वर्तमान समय में जयपुर एवं दिल्ली में बसे हुए हैं जिनके घरों की संख्या करीब ४०० होगी। ऐसा लगता है कि ओसिया से जब ओसवाल जाति देश के विभिन्न भागों में जीविकोपार्जन के लिए निकली तथा पंजाब की ओर बसने के लिए आगे बढ़ी तो उसमें दिगम्बर धर्मानुयायी भी थे। उनमें से अधिकांश मुलतान, डेरागाजीखान एवं उत्तरी पंजाब के अन्य नगरों में बस गए और वहीं व्यापार करने लगे। ओसवाल दिगम्बर समाज अत्यधिक समृद्ध एवं धर्म के प्रति दृढ़ आस्था वाली जाति है। इस जाति में वर्धमान नवलखा, अमोलकाबाई, लुहिन्दामल, दौलतराम ओसवाल आदि अनेक विद्वान् एवं श्रेष्ठीगण हुए हैं। १९ ९. लमेचु०
यह भी ८४ जातियों में एक जाति है जो मूर्तिलेखों और ग्रंथप्रशस्तियों में "लम्बकंचुकान्वय' नाम से प्रसिद्ध है। मूर्ति लेखों में लम्बकंचुकान्वय के साथ यदुवंशी
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