Book Title: Sramana 2003 10
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 154
________________ १४८ : श्रमण, वर्ष ५४, अंक १०-१२, अक्टूबर-दिसम्बर २००३ सिद्धचक्र यंत्रपूजन, एक सर्वेक्षण अने समीक्षा, लेखक - आचार्य विजययशोदेवसूरि; भाषा एवं लिपि - गुजराती; द्वितीय संस्करण १९९३ ई०; प्रकाशक - पूर्वोक्त; आकार - डिमाई; पृष्ठ - १६+१४५; विभिन्न श्वेत-श्याम चित्र; मूल्य - रु० १०.००। "विजययशोदेवसूरि" यशोज्जवल गौरव गाथा, भाषा - गुजराती, भाग - १; प्रथम संस्करण १९९६ ई०; प्रका - श्री सिद्धक्षेत्र जैन साहित्य मंदिर, आ x क, पेढी के सामने, तलेटी रोड . - ३६४२७०; आकार - डिमाई; पृष्ठ ४+२८+३१२+६४ चित्र; मूल्य - 3 ० २०.००। आचार्य श्री विजयधर्मसूरि श्रद्धांजलि विशेषांक, संयोजक एवं संपादक - आचार्य विजययशोदेवसूरि; भाषा एवं लिपि - गुजराती; प्रथम संस्करण १९९२ ई०; प्रकाशक - श्री मुक्ति कमल जैन मोहन माला, रावपुरा, कोठी पोल, मंछासदन, बडोदरा (गुजरात); आकार - रायल; पृष्ठ - २८+३७२+२०५+२४ चित्र; मूल्य - रु० ५०.००। संवच्छरी प्रतिक्रमण की सरल विधि, संयोजक एवं संपादक - आचार्य विजययशोदेवसूरि; भाषा - हिन्दी; प्रथम संस्करण वि०सं० २०४६; प्रका० - पूर्वोक्त; आकार - डिमाई; पृष्ठ - ३२+१४४+अनेक रेखचित्र; मूल्य - रु० १२.००।। जैन पत्र साहित्य, भाग २, संपादक - डॉ० कविन शाह; भाषा एवं लिपि - गुजराती; प्रथम संस्करण २००३ ई०; प्रका० - कुसुम के० शाह, १०३, जीवन ज्योति अपार्टमेन्ट; सी बिल्डिंग, बखारिया बंदर रोड, पोस्ट - वीलीमोरा ३९६३२१ (गुजरात); पृष्ठ - १२+४३०; पक्की जिल्द बाइंडिंग; मूल्य - रु० ११५.००। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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