Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 24
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि सानाहतं यत्र दलेषु वर्गाष्टकं निविष्टं च तदन्तरेषु ।। सप्ताक्षरो राजति मन्त्रराजः, श्रीसिद्धचक्रं तदहं नमामि ।।३। अनाहतव्याप्तदिगष्टके यत्, सल्लब्धिसिद्धर्षिपदावलीनाम।। त्रिपङ्क्तिभिः सृष्टितया परीतं, श्रीसिद्धचक्रं तदहं नमामि ।।४।। त्रिरेखमायापरिवेष्टितंयज्जयाद्यधिष्ठायकसेव्यमानम् ।। विराजते सद्गुरुपादुकाकं, श्रीसिद्धचक्रं तदहं नमामि ।।५।। मूलग्रहं कण्ठनिधिं च पार्श्वद्वयस्थयक्षादिगणं गुणज्ञैः।। यद् ध्यायते श्रीकलशैकरूपं, श्रीसिद्धचक्रं तदहं नमामि ।।६।। सद्वा:स्थबीजं स्फुटबीजवीरं, सबीजदिक्पालमलं नृणां यत्।। भूमण्डले ध्यातमभीष्टदायि, श्रीसिद्धचक्रं तदहं नमामि ।।७।। यत्रार्चिते यत्र नमस्कृते च, यत्र स्तुते यत्र नमस्कृते(पुरस्कृते) च।। For Private And Personal Use Only

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