Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि जना मनोवाञ्छितमाप्नुवन्ति, श्रीसिद्धचक्रं तदहं नमामि । १८ ।। Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ११ इत्यतित्रिदशगोमणिद्रुमोद्यत्प्रभावपटलं शिवप्रदम् ।। अर्हदादिसमलङ्कृतं पदैः, सिद्धचक्रमिदमस्तु नः श्रिये ।। ९ ।। ( रथोद्धता) स्वस्ति-नमोऽर्हत्-सिद्धाचार्योपाध्याय-सर्वसाधुभ्यः सम्यग्दर्शन- ज्ञान- चारु- चारित्र - सत्तपोभ्यश्च ।। ( १ ) ॐ ह्रीं वातकुमाराय विघ्नविनाशकाय महीं पूतां कुरु कुरु स्वाहा ।। For Private And Personal Use Only आ मंत्र बोली डाभ (दर्भ) ना घासथी भूमिनुं प्रमार्जन करवुं । (२) ॐ ह्रीं मेघकुमाराय धरां प्रक्षालय-प्रक्षालय हूँ फुट् स्वाहा ।। आ मंत्र बोली डाभ पाणीमां बोळी भूमि उपर छांटवुं । (३) ॐ भूरसि भूतधात्रि सर्वभूतहिते भूमिशुद्धिं कुरु कुरु स्वाहा । आ मंत्र वोली भूमि उपर चंदनना छांटणा करवा भूमिशुद्धि । (४) ॐ नमो विमलनिर्मलाय सर्व तीर्थजळाय पाँ पाँ वाँ वाँ ज्वीं क्ष्वीं अशुचिः शुचिर्भवामि स्वाहा । । आ मंत्र बोली चेष्टापूर्वक स्नान करवुं । (५) ॐ विद्युत्स्फुलिङ्गे महाविद्ये सर्वकल्मषं दह दह स्वाहा ।। आ मंत्र वोली वन्ने भुजाओने स्पर्श करवो-कल्मषदहन ।

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