Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation
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श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि
।अर्घ्यपूजा। ॐ ह्रीं सर्वगताय ते नम इति स्पष्टाष्टभेदार्चनारूपैर्माङ्गलिकैः कृतार्घरचनैः सर्वार्थसम्पादकैः। ॐ ह्रीं अर्हमनाहताख्यममलं सारं रहस्यं श्रुतेरस्योसा नम इत्यभीष्टफलदं श्रीसिद्धचक्रं यजे।।९।। ।। ॐ ह्रीं श्रीं श्रीसिद्धचक्र अर्येण अर्चयामीति स्वाहा।। । कुसुमांजली करवी। ।। इति अर्घ्यपूजा ।।
।।इति बृहद्वृत्तान्वितमष्टप्रकारपूजनम् ।। नीरैर्निर्मलतां सुमैः सुभगतां गन्धैः शुभैः स्वामितां, लक्ष्मी माङ्गलिकाक्षतैश्च चरुभिर्भोज्यं प्रदीपैर्महः । धूपैर्व्याप्तजगद्यशःपरिमलं, श्रेयाफलं सत्फलैभव्या निश्चलमाप्नुवन्ति सततं श्रीसिद्धचक्रार्चनात्।।१।।
॥अथमन्त्रध्यानम्।। नीचेना मंत्रना १०८ जाप करवा । ॐ अ-सि-आ-उ-सा-द-ज्ञा-चा-तेभ्यो नमः ।
।। इति मन्त्रः।। अथ देववन्दनम् । (चैत्यवन्दन) इरियावही करी खमासमणुं देवू । जो धुरि सिरिअरिहंतमूलदढपीठपइट्ठिओ। सिद्ध-सूरि-उवज्झाय-साहु-चिहुंसाहगरिट्ठिओ।।१।। दंसण-नाण-चरित्त-तव हि पडिसाहसुन्दरु। तत्तक्खरसर-वग्गलद्धिगुरुपयदलदुम्बरु ।।२।।
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