Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 41
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि १९ ॐ क्रीं ह्रीं ह्रीं ग्लौं हुँ फुट् ॐ श्रीधरणप्रियायै स्वाहा । २० ॐ क्रौं ह्राँ ह्रीं ग्लौं हुँ फुट् ॐ श्रीनरदत्तायै स्वाहा । २१ ॐ क्रीं ह्रीं ह्रौं ग्लौं हुँ फुट् ॐ श्रीगान्धार्ये स्वाहा । श्रीअम्बिकायै स्वाहा । २२ ॐ क्रीं ह्रीं ह्रौं ग्लौं हुँ फुट् ॐ २३ ॐ क्रौं ह्राँ ह्रीं ग्लौं हुँ फुट् ॐ श्रीपद्मावत्यै स्वाहा । २४ ॐ क्रीं ह्रीं ह्रीं ग्लौं हुँ फुट् ॐ श्रीसिद्धायिकायै स्वाहा । * आ रीते चोवीश यक्ष-यक्षिणीनुं एकेक सोपारीथी पूजन करवुं । । ।। इति यक्ष-यक्षिणीवलयम् ।। २७ ।। अथ चतुर्द्वारपाल-चतुर्वीरपूजा ।। (नवमुं वलय ) ॐ क्लो ब्लौं लाँ वाँ ह्रीं कुमुदाय स्वगणपरिवृताय इदमर्घ्यं पाद्यं गन्धं पुष्पं धूपं दीपं चरुं फलं स्वस्तिकं यज्ञभागं यजामहे प्रतिगृह्यतां प्रतिगृह्यतामिति स्वाहा । १ । । ॐ क्लो ब्लौं लाँ वाँ ह्रीं अञ्जनाय स्वगणपरिवृताय इदमर्घ्य पाद्यं गन्धं पुष्पं धूपं दीपं चरुं फलं स्वस्तिकं यज्ञभागं यजामहे प्रतिगृह्यतां प्रतिगृह्यतामिति स्वाहा । । २ ।। * ॐ क्रौं ह्रौं ह्रौं ग्लौं हुँफुट्ॐ श्रीगोमुख महायक्ष- त्रिमुख-यक्षनायक-तुम्बरु-कुसुम-मतङ्गविजय- अजित-ब्रह्म- यक्षराज कुमार- पण्मुख- पाताल - कित्रर- गरुड - गन्धर्वयक्षराज-कुबेर-वरुणभ्रुकुटि - गोमेध-पार्श्व-ब्रह्मशान्ति - चतुर्विंशतियक्षेभ्यः स्वाहा । For Private And Personal Use Only -बला ॐ क्रीं ह्रीं ग्लौं हुँफुट् ॐ श्रीचक्रेश्वरी- अजितबला - दुरितारी - काली महाकाली-श्यामाशान्ता-भ्रुकुटी - सुतारिका - अशोका - मानवी - चण्डा - विदिता-अङ्कुशा-व - कन्दर्पा- निर्वाणीधारिणी- धरणप्रिया - नरदत्ता- गान्धारी-अम्बिका - पद्मावती-सिद्धायिका- चतुर्विंशतियक्षिणीभ्यः स्वाहा (मूलप्रतिगतपाठः)

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