Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि ॐ ह्रीं ह्रः फट शुक्राय स्वगण...।।६।। ॐ ह्रीं ह्रः फट् शनैश्चराय स्वगण...।।७।। ॐ ह्रीं ह्रः फट राहवे स्वगण...।।८।। ॐ ह्रीं ह्रः फट् केतवे स्वगण...।।९।। हाथ जोडीने आ स्तुति-श्लोक बोलवो
जिनेन्द्रभक्त्या जिनभक्तिभाजां, जुषन्तु पूजाबलिपुष्पधूपान्।
ग्रहा गता ये प्रतिकूलभावं,
ते मेऽनुकूला वरदाश्च सन्तु।।१।। दरेक स्थळे अक्षत तथा त्रांबानाणुं मूकवू ।
।।इति ग्रहपूजनम्।।
नवग्रह पूजनसामग्रीनु कोष्टक ग्रह | रवि | चंद्र | मंगळ | बुध | गुरु | शुक्र शनि | राहु | केतु वर्ण | लाल | श्वेत | लाल नीलो | पीळो | श्वेत | श्याम श्याम | श्याम
केसर | सुखड | केसर वासक्षेपा वासक्षेप सुखड | कंकु । कंकु | कं कु
(लाल) | बरास | (लाल) पुष्प | कणेर | कुमुद | जासुद | चंपो | चमेली| जूई | बोरसली मचकुंद पंचवर्णा
| मोगरो दमणो | डमरो फळ | द्राक्ष | शेरडी | राती नारंगी | नारंगी बीजोरु खारेक | श्रीफळ | दाडम
| सोपारी,
नैवेद्य
। लाडु | लाडु | लाडु लाडु | लाडु | लाडु | लाडु | लाडु | लाडु चुरमानो | ममरानो | गोळधाणीनो | मगनो चणानो ममरानो अडदनी दाळनो
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125