Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 51
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि ।।४ अथेक्षुरसस्नात्रम्।। ॐ ह्रीं आँ इँ इक्षुरससमुद्रोद्भवानि इर्दकान्येतेषु स्नात्रकलशेष्ववतरन्त्ववतरन्तु संवौषट् ।। आ मंत्रे शेरडीनो रस मंत्रीने कलशोमां भरवो । कलशाकारश्रीसिद्ध-चक्रविहितावतारमर्हन्तम् । शिवशान्तिकृते भक्त्या, स्नपयाम इक्षुरसकलशैः ।। ।।ॐ ह्रीं श्रीं इक्षुरसकलशेनश्रीसिद्धचक्रं स्नपयामीति स्वाहा।। ।।इति इक्षुरसस्नात्रम् ।। ।।५अथगन्धोदकस्नात्रम्।। ॐ हीं पाँ पी पवित्रतीर्थोद्भवानि गन्धोदकान्येतेषु स्नात्रकलशेष्ववतरन्त्ववतरन्तु संवौषट् ।। आ मंत्रे गंधोदक मंत्रीने कलशोमां भरवू । कलशाकारश्रीसिद्ध-चक्रविहितावतारमर्हन्तम्।। शिवशान्तिकृते भक्त्या, स्नपयामो गन्धरसकलशैः ।।५।। ।।ॐ ह्रीं श्रीं गन्धरसकलशेन श्रीसिद्धचक्रं स्नपयामीति स्वाहा ।। ।।इति गन्धोदकस्नात्रम् ।। ।।६अथशुद्धजलस्नात्रम्।। कलशोमां नव नवाण, शुद्ध जल भरवू । नद्यः समुद्रा गिरिनिर्झराश्च, तीर्थानि कुण्डानि सरांसि वाप्यः । कूपा हृदाश्चोत्तमवारिपूरैः, स्नात्रं प्रकुर्वन्त्विह सिद्धचक्रे ।।६।। ।।ॐ ह्रीं श्रीं तीर्थादिशुद्धजलेन श्रीसिद्धचक्रं स्नपयामीति स्वाहा ।। For Private And Personal Use Only

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