Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation
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श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि
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।। अथ नवनिधिपूजनम् ।।
ॐ ह्रीं नवनिधिभ्यः स्वाहा ।
( १ ) ॐ नैसर्पिकाय स्वाहा ।
( २ ) ॐ पाण्डुकाय स्वाहा । ( ३ ) ॐ पिङ्गलाय स्वाहा ।
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(४) ॐ सर्वरत्नाय स्वाहा (५) ॐ महापद्माय स्वाहा |
(६) ॐ कालाय स्वाहा ।
(७) ॐ महाकालाय स्वाहा ।
(८) ॐ माणवकाय स्वाहा ।
( ९ ) ॐ शङ्खाय स्वाहा ।
नव निधिपदो उपर नव अखरोट मूकी पूजन करवुं । ।। इति नवनिधिपूजनम् ।। भूतबलिऽभूता भूमिचरा व्योम-चरास्तिर्यक्चरा अपि । बलिपूजा प्रतीच्छन्तु, सन्तु सङ्घस्य शान्तये । । १ । । पंचवर्णा बलिबाकळा देवा ।
३३
दुष्टवित्रासनंऽये दुष्टा बलिदानेन न शाम्यन्ति कदाचन ।
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तेषां मुद्राभिरेताभिः कार्यं वित्रासनं स्फुटम् ||१ ||
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भौमान पार्ष्णित्रिघातेन, दिव्यान् दृष्टिनिपातनैः । दिक्चारिणस्त्रितालाभिर्दुष्टान् वित्रासयाम्यहम् । । २ । । ठः ठः ठः ।।
(१) दुष्ट भूमिदेवोनुं जमीन उपर त्रण वार पगनी पानी

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