Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation

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Page 47
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि www.kobatirth.org ।। अथ नवनिधिपूजनम् ।। ॐ ह्रीं नवनिधिभ्यः स्वाहा । ( १ ) ॐ नैसर्पिकाय स्वाहा । ( २ ) ॐ पाण्डुकाय स्वाहा । ( ३ ) ॐ पिङ्गलाय स्वाहा । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (४) ॐ सर्वरत्नाय स्वाहा (५) ॐ महापद्माय स्वाहा | (६) ॐ कालाय स्वाहा । (७) ॐ महाकालाय स्वाहा । (८) ॐ माणवकाय स्वाहा । ( ९ ) ॐ शङ्खाय स्वाहा । नव निधिपदो उपर नव अखरोट मूकी पूजन करवुं । ।। इति नवनिधिपूजनम् ।। भूतबलिऽभूता भूमिचरा व्योम-चरास्तिर्यक्चरा अपि । बलिपूजा प्रतीच्छन्तु, सन्तु सङ्घस्य शान्तये । । १ । । पंचवर्णा बलिबाकळा देवा । ३३ दुष्टवित्रासनंऽये दुष्टा बलिदानेन न शाम्यन्ति कदाचन । , तेषां मुद्राभिरेताभिः कार्यं वित्रासनं स्फुटम् ||१ || , For Private And Personal Use Only भौमान पार्ष्णित्रिघातेन, दिव्यान् दृष्टिनिपातनैः । दिक्चारिणस्त्रितालाभिर्दुष्टान् वित्रासयाम्यहम् । । २ । । ठः ठः ठः ।। (१) दुष्ट भूमिदेवोनुं जमीन उपर त्रण वार पगनी पानी

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