Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि
(संस्थापनम् )
www.kobatirth.org
श्री अर्हदादिसमलङ्कृतसिद्धचक्राधिष्ठायका विमलवाहनमुख्यदेवाः ।। देव्यश्च निर्मलदृशो दिगिना ग्रहाश्च,
सर्वेऽपि तिष्ठत सुखेन निजासनेषु । ।२ ।। ठः ठः । ।
स्थापन-मुद्राए स्थापन करवुं ।
(संनिधानम्)
श्री अर्हदादिसमलङ्कृतसिद्धचक्राधिष्ठायका विमलवाहनमुख्यदेवाः ।। देव्यश्च निर्मलदृशो दिगिना ग्रहाश्च,
सर्वेऽपि मे भवत सन्निहिताः प्रमोदात् । । ३ । । वषट् ।
संनिधापन-मुद्राए सन्निधान करवुं ।
(संनिरोधनम् )
श्री अर्हदादिसमलङ्कृतसिद्धचक्राधिष्ठायका विमलवाहनमुख्यदेवाः ।। देव्यश्च निर्मलदृशो दिगिना ग्रहाश्च, स्थातव्यमेव यजनावधिरत्र सर्वैः । ।४ ।।
संनिरोधनीमुद्राए सन्निरोध करवो ।
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(अवगुंठनम्)
श्री अर्हदादिसमलङ्कृतसिद्धचक्राधिष्ठायका विमलवाहनमुख्यदेवाः ।
For Private And Personal Use Only
२१

Page Navigation
1 ... 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125