Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation
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श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि देव्यश्च निर्मलदृशो दिगिना ग्रहाश्च, सर्वे भवन्तु परदेहभृतामदृश्या: ।।५।। फट् ।। _अवगुंठनीमुद्राए अवगुंठन करवू । (पूजनम्) श्रीअर्हदादिसमलङ्कृतसिद्धचक्राधिष्ठायका विमलवाहनमुख्यदेवाः । देव्यश्च निर्मलदृशो दिगिना ग्रहाश्च, पूजां प्रतीच्छत मया विहितां यथावत् ।।६।। पूजनमुद्राए (अंजली करी) पूजन कर।
।।अथअधिष्ठायकादिपूजा ।। (पांचमुंवलय) (१) ॐ ह्रीं अर्ह श्रीसिद्धचक्राधिष्ठायकाय श्री विमलवाहनाय स्वाहा।। कोर्छ ।। (२) ॐ ह्रीं श्रीचक्रेश्वर्यै स्वाहा ।। कोठु ।। (३) ॐ ह्रीं श्रीअप्रसिद्धसिद्धचक्राधिष्ठायकाय स्वाहा ।। कोढुं ।। (४) ॐ ह्रीं अहंजिनप्रवचनाधिष्ठायकाय श्रीगणिपिटकयक्षराजाय स्वाह्य ।।पान सोपारी ।। (५) ॐ ह्रीं अहँश्रीस्फुरत्प्रभावाय श्रीधरणेन्द्राय स्वाह्य । पानसोपारी ।। (६) ॐ ह्रीं तीर्थरक्षादक्षाय श्रीकपर्दियक्षाय स्वाहा ।।पान सोपारी।। (७) ॐ ह्रीं श्रीशारदायै स्वाहा ।। पान सोपारी।। (८) ॐ ह्रीं श्रीशान्तिदेवतायै स्वाहा ।। पान सोपारी।। (९) ॐ ह्रीं श्रीअप्रतिचक्रायै स्वाहा ।। पान सोपारी ।। (१०) ॐ ह्रीं श्रीज्वालामालिन्यै स्वाहा ।। पान सोपारी ।। (११) ॐ ह्रीं श्रीत्रिभुवनस्वामिन्यै स्वाहा ।। पान सोपारी ।।
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