Book Title: Siddhachakra Mmahapujan Vidhi
Author(s): Arvindsagar
Publisher: Arunoday Foundation
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श्री सिद्धचक्र महापूजन विधि (३) ॐ ह्रीं चवर्गाय स्वाहा (द्राक्षा-५) नमो अरिहंताणं (बीजो5) (४) ॐ ह्रीं टवर्गाय स्वाहा (द्राक्षा-५) नमो अरिहंताणं (बीजोरु) (५) ॐ ह्रीं तवर्गाय स्वाहा (द्राक्षा-५) नमो अरिहंताणं (बीजो5) (६) ॐ ह्रीं पवर्गाय स्वाहा (द्राक्षा-५) नमो अरिहंताणं (बीजोरु) (७) ॐ ह्रीं यवर्गाय स्वाहा (द्राक्षा-४) नमो अरिहंताणं (बीजो5) (८) ॐ ह्रीं शवर्गाय स्वाहा (द्राक्षा-४) नमो अरिहंताणं (बीजोरु) ॐ ह्रीं अनाहतदेवाय स्वाहाउपरोक्तमंत्र बोली १६ अनाहतोनुपूजन करवु(शर्करालिड्ग शर्करामेरुथी)
।। इति द्वितीयं वलयम् ।। ।। ४८ लब्धिपदपूजनम् ।। (४८ खारेक) ।।श्रीलब्धिपदगर्भितमहर्षिस्तोत्रम्।।
(उपजातिच्छन्दः) जिनास्तथा सावधयश्चतुर्धा, सत्केवलज्ञानधनास्त्रिधा च । द्विधा मनःपर्ययशुद्धबोधा, महर्षयः सन्तु सतां शिवाय ।।१।। सुकोष्ठसबीजपदानुसारि-धियो द्विधा पूर्वधराधिपाश्च । एकादशाङ्गाष्टनिमित्तविज्ञा, महर्षयः सन्तु सतां शिवाय ।।२।। संस्पर्शनं संश्रवणं समन्ता-दास्वादन-घ्राण-विलोकनानि । संभिन्नसंश्रोततया विदन्ते, महर्षयः सन्तु सतां शिवाय ।।३।। आमर्श-विप्रुण-मल-खेल-जल्ल-सर्वौषधि-दृष्टि-वचोविषाश्च । आशीविषा घोर-पराक्रमाश्च, महर्षयः सन्तु सतां शिवाय ।।४।।
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