Book Title: Sagar ke Moti
Author(s): Amarmuni
Publisher: Veerayatan

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Page 15
________________ __यह कथा जैन - साहित्य के सुप्रसिद्ध ग्रन्थ व्यवहार भाष्य को है, जो जैन - धर्म के अहिंसा सम्बन्धी दृष्टिकोण को नए रूप में उपस्थित करती है । जो कुछ क्षुल्लक साधु ने किया, वह उस समय उसका कर्त्तव्य था। यदि नहीं, तो फिर आप क्या सुझाव देते हैं ? बाहर की क्षणिक अहिंसा या हिंसा के घेरे में नारीजीवन को सदा के लिए गुंडों के हाथ बर्वाद कर देना, क्या कोई बहुत बड़ा धर्म है, आदर्श है ? सागर के मोती: Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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