Book Title: Sagar ke Moti
Author(s): Amarmuni
Publisher: Veerayatan

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Page 50
________________ कोठियों के निर्माता एक था, सेठ । उसके थे, दो बेटे । सेठ ने दोनों बेटों को उपदेश दिया कि तुम दुनिया भर में अपनी कोठियाँ बनाओ । अब एक लड़का तो सचमुच जगह- जगह कोठियां बनाने लगा । आखिर कहाँ तक कोठियाँ बनाता ? वह थक गया । और, उसके धन ने भी जबाब दे दिया । दूसरा लड़का अधिक बुद्धिमान था । उसने कोठियाँ बनाने के बजाय जगह-जगह मित्र बनाने आरम्भ किए। इसमें वह जरा भी नहीं था और अपने भाई से बहुत आगे निकल गया। क्योंकि उसके लिए मित्रों की कोठियों के द्वार हमेशा खुले रहते थे । कोठियों के निर्माता : Jain Education International For Private & Personal Use Only ४१ www.jainelibrary.org

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