Book Title: Parvtithi Prakash Timir Bhaskar
Author(s): Trailokya
Publisher: Motichand Dipchand Thania

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Page 10
________________ पृष्ठ १५९ १६१ ૧૬૨ १७५ १७९ १७९ ૧૮૦ ૧૮૧ ૧૮૨ ૧૮૨ १८९ ૧૯૨ १९२ १९४ १९७ १९९ .१९९ २०० २०६ २०६ पंक्ति २० १७ ૨૧ ५ ૧૩ १४ ૧૫ २२ १५ १४ २१ ៩ " ૧૫ १६-१७ अशुद्ध १७ ૧૮ होता मेंभी, ( समझना ) गवाहोके हुए पूज्यजीने उस निकाले टाइम लेकर आते है) (गुजराती) पोष) चिठ्ठीके उस पठानों की उसे क वह कीया तो श्रीहंससागरसूरिजी भने आनंदसागरसूरिजी श्रीहंससागरजीका शुद्ध होना भी ( समझना ) - गवाहों के बयान हुए आपके पूज्यजीने Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat उन निकाला टालम लेकर आते हैं) ( गुजराती पोष) चिठ्ठीकी उक्त पठानोंके उसमें कर ० जो साथ ૨૧૦ उसीभी ૨૧૩ हेली ૨૧૪ भव ૨૧૬ ११६ पृष्टांक (२१५) नोट: - जहां जहां शरीफ शब्द आवे वहां २ शरीक ऐसा पढ़ना औरभी कहींपर अशुद्धि लगें तो सुधारकर पढ़ना. लेखक, श्रीहंसागरजी श्रीहंससागरजी के साथै उसे भी ५ को जलदी कल www.umaragyanbhandar.com

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