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मेरे कथागुरुका कहना है मंत्रीके निर्देशानुसार राजकुमारने अम्बुनाड-निवासियोंको सूचना दी कि उनका प्रस्ताव द्रविड़राजने स्वीकार कर लिया है और प्राथमिक निर्वाहके लिए धानसे भरे छकड़े पीछे-पीछे आ रहे हैं। ____अम्बुनाड-वासियोंने इस प्राण-रक्षक संदेशका अत्यन्त उल्लसित भावसे स्वागत किया। धान्यसे पहले धान्यके संदेशने उनके समीप पहुँचकर उनके अर्द्धमृतक शरीरोंमें जीवन फूंक दिया ।
कुछ समय पश्चात् धानसे भरी गाड़ियोंकी धूल अम्बुनाडके पूर्व सीमान्त प्रदेशके क्षितिजपर दिखाई दे रही थी और इधर वहाँके निवासी द्रविड़ राजकुमारको अपने नवनिर्मित राज्यासनपर प्रतिष्ठित कर रहे थे!
और मेरे कथागुरुका कहना है कि सूक्ष्म हो नही भौतिक-जगत्के भी संग्रहीत आंकड़ोंके अनुसार स्थूलरूप धान्यकी तुलनामें सूक्ष्मरूप धान्यकी आशा ही मानव मात्रके लिए अधिक महत्त्वपूर्ण एवम् जीवनप्रद है और स्थूलपर सूक्ष्मको व्यापक विजय सृष्टिका एक पूर्ण समर्थ नियम है ।