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सुप्त प्रेरक
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उस शाम सब मजदूरोंको मजदूरी बंटी और उस सोनेवालेको भी दिनभरके पूरे पैसे दिये गये।
दूसरे मजदूरोंको आश्चर्य हुआ, आपत्ति भी हुई।
'इस आदमीको इसकी ईमानदारीकी मजदूरी दी गयी है। इसकी ईमानदारीने बड़ा काम किया है।' मालिकने उन्हें बताया।
और इस बातके प्रमाणमें जब हिसाब लगाकर देखा गया तो मिला कि उस दिन सब मजदूरोंका काम मिलाकर और दिनोंसे सवाया हुआ था।