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मेरे कथागुरुका कहना है प्राथमिक ज्ञातव्यका पता लगा लिया था। कथागुरुका यह भी संकेत है कि आधुनिक युगके मनुष्योंके अधिकांश अति-विस्तृत अन्वेषणोंकी अन्तिम विफलता अथवा निरर्थकताका रहस्य यही है कि इस अति-कथित कथाके तथ्यपर अनुसन्धान करनेकी किसी भी राजकीय अन्वेषक-वर्गने अभी तक आवश्यकता नहीं समझी।