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मणिधारी श्री जिनचन्द्रजमूरि
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काही मनही लियाहीप जन्सीले
काम औ असलर कशा रासलीममधिल्याची
दरसे जन्म हो
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अ.कीसिनवारी महापाबळ पूछ र किरकाप घर कोन जागा
यमराज का बार सुनकर गवई कर मस्ट रवना चाहता
भावी पट्टधर सम्बन्धी श्री जिनदत्तसूरिजी से पृच्छा
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श्री जिन दल की महाराज ने फासा कि मेरा मधर
शिलकी मायदेमा देवी के उदर से उत्पन्न होगा अतः हम लोग मातु सौ के वही पुण्याजली
अर्पित करने आये है॥
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2008
50-800
বাকারা লা নিন্য মান নিলুত
MANTRA
माता देल्हणदेवो और गर्भस्थ मणिधारीजो को वंदनार्थ रामदेव का
_For Proविक्रमपुर आगमन (सं० ११६७)
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