Book Title: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Smruti Granth
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Samaroh Samiti New Delhi
View full book text
________________
१८५ चंपकमाला चौपई
जगनाथ P/. इलासिंधुर १८२२ साचोर घेवर पुस्तकालय १८६ चंपक श्रेष्ठि ,,
समयसुन्दरोपाध्याय १६६५ जालोर अ० क्षमा बी० हरिलो वि० ६६ १८७ चंपकसेन ,, जिनोदयसूरि P/. जिनतिलकसूरि भावहर्षीय १६६६ बीरमपुर से० बी० जनरत्न पु० जोधपुर १८८ चतुःशरणप्रकीर्णक संधि चारित्रसिंह P/. मतिभद्र १६३१ जेसलमेर दान बीकानेर १८९ चारकषाय संधि विद्याकीर्ति P/, पूण्यतिलक १७वीं
अभय बीकानेर १६० चार प्रत्येकबुद्ध रास
समयसुन्दरोपाध्याय १६६५ आगरा राप्राविप्र जोधपूर अ०बी० विनय २८१ १९१ चारित्र मनोरथ माला क्षेमराज P/. सोमध्वज १६वीं
अभय १९२ चित्तोड़ आदिनाथ फाग शिवसुन्दर P/. क्षेमराज ,
अभय बीकानेर १६३ चित्रलेखा चौपई दयासागर P/. जीवराज पिप्पलक १६६६ दिल्ली स्थानक० पुस्तकालय जोधपुर १६४ चित्रसंभूति रास ज्ञानचन्द्र P/. सुमतिसागर १७वीं क्षमा बीकानेर १६५ , संधि
जिनगुणप्रभसूरि-बेगड १७वीं जेसलमेर जेसलमेर भंडार
नयप्रमोद P/. हीरोदय १७१६ जेसलमेर खजाँचो बीकानेर १६७ चित्रसेन पद्मावती चौपई उदयरल P/. जिनसागरसूरि (शा.) १६६७ हरिलोहावट, स्टेट लाइवरी १६८ , , , जिनहर्ष P/. शान्तिहर्ष १८वीं
हरि लोहावट १६६ , , , भावसागर
१८वीं
अभय बीकानेर २०० , " "
यशोलाभ २०१ चित्रसेन पद्मावतो चौपई रामविजयोपाध्याय PI. दयासिंह १८१४ बीकानेर अभय बीकानेर २०२
, रास विनयसागर P) सुमतिकलश पिप्पलक १७ वीं २०३ चौदह स्वप्न चौपई अबीरजी
२० वीं जैनभवन कलकत्ता २०४ चौदह स्वप्न भाषा धवल विनयलाभ P/ विनयप्रमोद १८ वी चतुर्भुज बोषानेर २०५ चौपर्वी चौपई
समयप्रमोद P/ ज्ञान विलास १६७३ जूठाग्नाम दान-चतुभुज बीकानेर २०६ चौबोली चौपई
अभयसोम P/. सोमसुन्दर १७२४ विनय १६७ २०७ चौबोलो ,, कोत्तिसुन्दर P/. धर्मवर्द्धन
१७६२ थाणलेनगर भं० बीकानेर २०८ , वार्ता ,, जिनहर्ष P/. शान्तिहर्ष १८वीं मु० जेसलमेर भंडार २०६ जंबु स्वामी चौढालिया जगरूपP/. दुर्गादास १७६३ बद्रोदास कलकत्ता २१० ,
दुर्गादास P/. विनयाणंद १८६३ बाकरोद अभयबीकानेर २११ , चौपई उदयरत्न P/. जिनसागरसूरि जिनसागरसूरि शाखा १७२० आचार्य शाखाभं० बीकानेर
P/. जिनेश्वरसूरि बेगड़ १८वीं जेसलमेर भंडार २१३ , , भुवनकीति P/. ज्ञानमंदिर १६६१ खंभात दान बीकानेर २१४ , , रामचन्द्र P/. पद्मरंग १८वीं उल्लेख-मिश्रबन्धुविनोद २१५
सुमतिरंग P/. चन्द्रकीर्ति १७२६ मुल० चारित्र राप्राविप्र जोधपुर
२१२
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300