Book Title: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Smruti Granth
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Samaroh Samiti New Delhi

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Page 261
________________ १५ पदव्यवस्था विमलकीर्ति P/. विमलतिलक १७वीं० अ० अनुप बीकानेर भं० पूना १६ , टीका उदयकीति P/. साधुसुन्दर १६८१ १७ प्रक्रियाकौमुदी टीका विशालकीर्ति P/. ज्ञानप्रमोद १८वीं० अ० चारित्रराप्राविप्र बी० अ०बी० १८ प्राकृतशब्दसमुच्चय तिलकगणि १५६६ अ० १६ बालशिक्षाव्याकरण (जयानन्दसूरिकृत शब्दानुसारतः) भक्तिलाभ अ० जेसलमेर भंडार २० भूधातुवृत्तिः उ० क्षमा कल्याण P/. अमृतधर्म १८२६ राजनगर अ० ख० जयपुर प्रेसकॉपी विनयकोटा २१ रुचादिगणवृत्ति: जिनप्रभसूरि P/. जिनसिंहसूरि १३७६ अ० लींबड़ी भं०, अभय बी० राप्रा० जो २२ वेट्थपदविवेचन समयसुन्दरोपाध्याय १६८४ बीकानेर अ० २३ व्याकरणकठिनशब्दवृत्तिः श्रीवल्लभोपाध्याय P/. ज्ञानविमल १७वीं० अ० बड़ा भंडार बीकानेर २४ शब्दाणंवव्याकरण धातुपाठ) सहजकीत्ति P/. हेमनन्दन १७वीं अ० धर्म आगरा २५ षटकारक जयसागर P/. जिनसागरसूरि १८वीं० अ० धरणेन्द्र, जयपुर २६ सारस्वतधातुपाठ (धातुमुक्तावली) जिनसमुद्रसूरि P/. जिनचन्द्रसूरि बेगड १८वीं० अ० २७ सारस्वतप्रयोगनिर्णय श्रीवल्लभोपाध्याय P/. ज्ञानविमल १७वी० अ० अभय बीकानेर २८ सारस्वतमण्डन मन्त्रि-मण्डन S/. वाहड १५वीं मंडपदुर्ग अ० विनयकोटा ५२६ स्टेटलायब्ररी २६ सारस्वतरहस्य समयसुन्दरोपाध्याय १७वीं० अ० बड़ा भं० बी० प्रेसकॉपी वि.कोटा ४६६ १० सारस्वतव्याकरण टीका 'क्रियाचन्द्रिका' गुणरत्न १६४१ अ० ३१ सारस्वत टोका विशालकीर्ति P/. ज्ञानप्रमोद १७वीं० अ० गधया सं० सरदारशाहर समयसुन्दरोपाध्याय १७वीं० सहजकोति P). हेमनन्दन १६८१ अ० चारित्रराप्राविप्र बीकानेर ३४ , बालावबोध (पंचसन्धिपर्यन्त) राजसोम १८वीं० अ० आचार्यशाखा बीकानेर श्रीसारोपा० P/. रत्नहर्ष १०वी० अ० जेसलमेर भंडार ३६ , भाषाटीका आनन्दनिधान P/. मतिवर्द्धन आद्यपक्षीय १८वीं० अ० बहादुरमलबांठिया भीनासर ३७ सारस्वतानुवृत्त्यवबोधक ज्ञानमेरु (नारायण)P/. महिमसुन्दर १६६७ डीडवाणा अ० अनूपसंस्कृत ला० बी० ३८ सारस्वतीय शब्दरूपावली समयसुन्दरोपाध्याय १७वीं० अ० पूनमचन्ददुधेरिया छापर स्वयंलिखित ३६ सिद्धहेमशब्दानुशासनलघुवृत्ति जिनसागरसूरि पिप्पलक १६वीं० अ० हीराचन्द्रसूरि बनारस ४० सिद्धहेमशब्दानुशासन टीका श्रीवल्लभोपाध्याय P/. ज्ञानविमल १७वीं० अ० धर्म आगरा ४१ सिद्धान्तचन्द्रिका टीका ज्ञानतिलक P/. विजयवर्द्धन १८वीं० अ० महिमा-अबीर बो० ख० जयपुर ४२ , पूर्वार्द्ध रामविजयोपाध्याय P/. दयासिंह १८वीं० अ० दान बी०, बाल चि० २५८ वि० ७३७ ४३ , सदानन्द P/. भक्तिविनय १७६६ मु० ख० जयपुर, बाल २६०-२६१ ४४ सिद्धान्तरत्नावली P/. जिनहेमसूरि जिनसागरसूरिशाखा १८६७ जयपुर अ० ४५ , टीका नन्दलाल १८वीं अ० दान बीकानेर ३२ " अ० mmm Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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