Book Title: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Smruti Granth
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Samaroh Samiti New Delhi
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। ३५ ) ४६ हैमलिङ्गानुशासन अवचूर्णि समयसुन्दरोपाध्याय १७वी० अ० आचार्य भं० बीकानेर ४७ हैमलिङ्गानुशासन दुर्गपदप्रबोधटीका श्रीवल्लभोपाध्याय P/ ज्ञानविमल १६६१ जोधपुर मु० ख० जयपुर ४८ सिद्धान्तरनिका ब्याकरण जिनचन्द्रसूरि
___ मु० विनय १२
कोष
१ अनेकार्थसंग्रह (हेमचन्द्रीय) टीका जिनप्रभसूरि P/. जिनसिंहसूरि १४वीं० अ० पाटण भंडार २ अभिधानचिन्तामणि नाममाला चारित्रसिंह P). मतिभद्र १७वीं० अ० मोहन भं० सूरत
(हेमचन्द्रीय) टोका 'दीपिका' ३ , ,, सारोद्धार श्रीवल्लभोपाध्याय P/ ज्ञानविमल १६६७ जोधपुर अ० राप्राविप्र जोधपुर ४ , , सारोद्धारस्य सं० (श्रीवल्लभीयः) रत्नविशाल P/. गुणरत्न १७वीं० राप्राविप्र० जोधपुर ४३०५ ५ , भाषाटीका रामविजयोपाध्याय P/. दयासिंह १८२२ कालाऊना अ० डूंगर जे० बाल चित्तौड़ ११७,३५० ६ ? अमरकोष टीका धर्मवर्द्धन P/. विजयहर्ष १८वीं. अ० हरिलोहावट ७ पञ्चवर्गपरिहारनाममाला (अपवर्गनाममाला) जिनभद्रसूरि P/. जिनप्रियोपाध्याय १३वी० अ० प्रेसकोंपी वि०कोटा ८ विशेषनाममाला साधुकीलुपाध्याय P/. अमरमाणिक्य १७वीं० अ० चारित्र राप्राविप्र बीकानेर ६ शब्दप्रभेद टीका ज्ञानविमलोपाध्याय P/. भानुमेरु १६५४ बोकानेर अ० बड़ाभंडार बीकानेर ख० जयपुर १० शब्दरत्नाकर (शब्दप्रभेदनाममाला) साधुसुन्दर P/. साधुकीर्ति १७वीं० मु० ११ शिलोञ्छनाममाला जिनदेवसूरि P/. जिनप्रभसूरि १४वीं० मु० १२ , टीका श्रीवल्लभापाध्याय P/. ज्ञान विमल १६४५ नागोर अ० चारि० जेठी बाईबी० प्रेकॉ० वि० १३ शेषसंग्रह (हेमचन्द्रीय) टोका
, १६५४ बी० अ० विनयकोटा ७७७ १४ , जिनप्रभसूरि P/. जिनसिंहसूरि १४वीं० अ० खजांची बीकानेर १५ सिद्धशब्दार्णव नामकोष सहजकीर्ति P/. हेमनन्दन १७वीं० मु० डेक्कन कॉलेज पूना हरि० लो० १६ हैमनिघण्टुकोष टीका श्रीवल्लभोपाध्याय P/ ज्ञानविमल १७वीं० मु..
छन्दःशास्त्र
१ छन्दोनुशासन २ छन्दोरहस्य ३ छन्दोऽवतंस ४ छन्दस्तत्त्वसूत्रम् ५ छन्द शास्त्र ६ पिङ्गलशिरोमणि ७ मालापिंगल
जिनेश्वरसूरि प्रथम
११वीं जेस० ज्ञानभं प्रेसकॉपी विनय कोटा धनसागर P/. गुगवल्लभोपाध्याय १६वीं अ० राप्राविप्र जोधपुर २१४३२ लाभवर्द्धन P/. शान्तिहर्ष १८वीं अ० राप्रा०चि० आशा बोका० बाल ४१५ धर्मनन्दन वाचक
१६वीं अ० राप्राविप्र जोधपुर १७३०२ बुद्धिसागरसूरि
११वीं उल्लेख-देवभद्रीय महावीरचरित्रप्रशस्ति कुशललाभ
१५७५ जेस. मु० विनय कोटा ५०५ ज्ञानसार १८७६ बीका० मु० अभय बीकानेर
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