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१ चरणाली चाड र णि चढइ, चख करि राता चोलो रे विरती दाणव दल विचि, घाउ दीयइ घमरोलो रे, चरणाली चामंड रणि चढइ ।
सीताराम चौपई, खण्ड २, ढाल ३) २ वेसर सोना की धरि दे बे चतुर सोनार, वेसर सोना की। वेसर पहिरी सोना की रंझे नंदकुमार, वेसर सोना की।
(वही, खण्ड ४, ढाल १) ३ तोरा कीजई म्हांका लाल दारू पिअइजी,
पड़वइ पधारउ म्हांका लाल, लसकर लेज्यांजी, तोरी अजब सूरति म्हांको मनड़उ रंज्यो रे लोभी लंज्यो जी।
__(वही, खंड ५, ढाल ३) । सहर भलो पणि सांकड़ों रे, नगर भलो पणि दूर रे, हठीला वयरी नाह भलो पणि नान्हड़ो रे लाल । आयो आयो जोवन पूर रे, हठीला बयरी लाहो लइ हरपालका रे लाल ।
(वही, खंड ५, डाल ४) ५ लंका लीजइगी, पुणि रावण लंका लीजइगी। ___ओ आवत लखमण कउ लसकर, ज्युं घण उमटे श्रावण।
(वही खंड ६, ढाल २) ६ रे रंगरता करहला, मो प्रीउ रत्तउ आणि, हुँ तो ऊपरि काढि नइ, प्राण करू कुरबाण, सुरंगा करहा रे, मो प्रीउ पाछउ वालि, मजीठा करहा रे।
(वही, खंड ७, ढाल ३) ७ सिहरां सिरहर सिवपुरी रे, गळां वडउ गिरनारि रे,
राण्यां सिरहरि रुकमिणी रे, कुमरां नन्दकुमार रे, कंसासुर-मारण आविनइ, प्रल्हाद-उधारण रास रमणि घरि आज्यो,
धरि भाज्यो हो रामजी, रास रमणि घरि आज्यो।
(वही, खण्ड ७, ढाल ५) ८ सूबरा तुं सूलताण, बीजा हो, बीजा हो थारा सुंबरा ओलगू हो
(वही, खण्ड ८, ढाल ६) ६ अम्मां मोरी मोहि परणावि हे,
अम्मां मोरी जेसलमेरा जादवां हे. जादव मोटा राय, जादव मोटा राय हे, अम्मां मोरी कड़ि मोरी नइ घोड़े चढे हे ।
(वही, खण्ड ८, हाल ७) १० गलियारे साजण मिल्या मारुराय,
दो नयणां दे चोट रेधण वारी लाल । हसिया पण बोल्या नहीं मारुराय, काइक मन मांहि खोट खोट रे, आज रहउ रंगमहल मई मारुराय ।
(वही, खंड ६, ढाल २) ११ दिल्ली के दरवार मई लख आवइ लख जाइ, एक न आवइ नवरंगखान जाकी पघरी ढलि
ढलि जावइ वे, नवरंग वइरागी लाल।
(वही, खण्ड ६, डाल ४) यहां महाकवि समयसुन्दरजी के द्वारा अपने गीतों में प्रयुक्त केवल ग्यारह 'देशियों' के संकेत दिये गए हैं, परन्तु ध्यान रखना चाहिए कि इन 'देशियों' के गीत विविध प्रकार के हैं। इनमें भक्तिरस के साथ ही शृगाररस भी है और साथ ही सामाजिक जीवन की झलक भी स्पष्ट है। महाकवि ने कई जगह पर गीत के प्रचलन-स्थान की भी सूचना दी है, जैसे 'ए गीत सिंध मांहे प्रसिद्ध छइ' 'ए गीतनी ढाल जोधपुर, नागौर, मेड़ता नगरे प्रसिद्ध छइ' आदि। इतना ही नहीं, कहीं-कहीं प्रयुक्त 'देशी' के गेयतत्व के सम्बन्ध में भी सूचना दी गई है, जैसे
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