Book Title: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Smruti Granth
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Samaroh Samiti New Delhi

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Page 244
________________ । १७ । १०५ स्वप्नप्रदीप वर्द्धमानसूरि P/. रुद्रपल्लीय १५वीं मु० १०६ स्पप्नफलविवरण जिनपालोपाध्याय P/. जिनपतिसूरि १३वीं अ० प्रेसकापी विनय कोटा १०७ स्वप्नविचारभाष्यवृत्ति १०८ स्वप्नसप्ततिका जिन वल्लभसूरि P/. अभयदेवसूरि १२वीं अ० विनय 'वल्लभभारती' १०६ स्वप्नसप्ततिका टीका सर्वदेवसूरि १२८७ अ० कान्ति छाणी ११० स्वात्मसम्बोध (ज्ञानसारप्रकाश) धर्मचन्द्र P/. जिनसागरसूरि पिप्पलक १६वीं अ० देशाई संग्रह १११ हितशिक्षा भाषा भद्रसेन १७वीं अ० ११२ हितोपदेशप्रकरण प्रभानन्दसूरि P/. देवभद्रसूरि १२वीं अ० जेसलमेर भंडार वैधानिक, सैद्धान्तिक प्रश्नोत्तर एवं चार्चिक ग्रंथ १ अविधिकुलक जिनेश्वरसूरि P/. वर्द्धमानसूरि ११वीं अ० कान्ति छाणी २ अष्टोत्तरीस्नात्रविधि जयसोमोपाध्याय १७वीं लाहोर अ० ह० लोहावट ३ आगमानुसार मुंहपत्ति निर्णय जिनमणिसागरसूरि P/. सुमतिसागरजी २०वीं मु० ४ आचारदिनकर वर्द्धमानसूरि P/. रुद्रपल्लीय १४६८ जालंघर नंदनवनपुर मु० विनय कोटा ७०३ ५ आत्मभ्रमोच्छेदनभानु चिदानन्द १९५२ नागोर मु. ६ आरात्रिकवृत्तानि जिनदतसूरि PI. जिनवल्लभसूरि १२वीं मु० ७ बाराधना जिनचन्द्रसूरि P). जिनेश्वरसूरि १२वीं अ० प्रतिलिपि रमणीकवि अहमदाबाद ८ आराधनाप्रकरण अभयदेवसूरि P/. जिनेश्वरसूरि १२वीं अ० जेसलमेर भंडार १२६५ लि. है आलोचनाविधिप्रकरण अ० प्रतिलिपि विनय कोटा १० इच्छापरिमाण टिप्पणक समयराजोपाध्याय P/. जिनचन्द्रसूरि १६६० अ० महताबसिंह संग्रह बीकानेर ११ ईर्यापथिकी षट्त्रिंशिका स्वोपज्ञ टीका जयसोमोपाध्याय १६४० टी० १६४१ मु० १२ उपधानविधिपंचाशक प्रकरण अभयदेवसूरि खंभात भंडार ताड़पत्रीय प्रति १३ उत्सूत्रोद्घाटनकुलक जिनदत्तसूरि P/. जिनवल्लभसूरि १२वीं मु. १४ , (कुमतिमतखंडन) गुणविनयोपाध्याय P/ जयसोम १६६५ नवानगर मु. १४A एक सौ अडतीस वक्तव्य , ,, , १७वीं अ० विनय ७८० १५ कल्याणकपरामर्श बुद्धिमुनि P/. केशरमुनि २०वीं मु० १६ कुमतकुलिंगोच्छेदनभास्कर (जेनलिंगनि०) चिदानन्द द्वि० १९५५ जीरण मु० कोटा भंडार १७ कुम्भस्थापना भाषा देवचन्द्रोपाध्याय P/. दीपचन्द १८वीं अ० ख० जयपुर १८ क्या पृथ्वी स्थिर है ? जिनमणिसागरसूरि P/. सुमतिसागरजी २०वीं मु. १६ चर्चाप्रश्नोत्तर तिलोकचन्द लुणिया प्रश्नकर्ता १९वीं अजमेर अ० हंस बड़ौदा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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