Book Title: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Smruti Granth
Author(s): Agarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
Publisher: Manidhari Jinchandrasuri Ashtam Shatabdi Samaroh Samiti New Delhi

View full book text
Previous | Next

Page 248
________________ अ० [ २१ ] १११ स्थापनापत्रिंशिका जयसोमोपाध्याय १७वीं ११२ स्नात्रपूजा पंच० (शुभशीलीय) बालावबोध जिनहर्ष P/. शान्तिहर्ष १७६३ अ० पाटण भंडार, खजांची बीकानेर ११३ स्नात्रविधि कुमारगणि P/. जिनेश्वरसूरि द्वि० १४वीं अ० विनय कोटा, अभय बीकानेर ११४ स्फुट प्रश्नोत्तर समयसुन्दरोपाध्याय १७वीं अ० ११५ , देवचन्द्रोपाध्याय P/. दीपचन्द्र १८वीं ११६ हुण्डिकाचौरासी बोल (तकराणामुपरि) नयरंग १६२५ वीरमपुर अ० अभय बीकानेर ११७ हुण्डिका १२५ बोल (लुकोपरि , , , अ० उदयचंद जोधपुर अ० काव्य-साहित्य तथा टीकादि ग्रंथ १७वीं १ अप्रगल्भ्येति पद्यस्यषोडशार्था मुनिमेरु अ० बड़ा भं० बी० ख० बी० २ अभयकुमारचरित महाकाव्य चन्द्रतिलकोपाध्याय P/. जिनेश्वरसूरि द्वि० १३१२ खंभात मु० विनय ५४७ ३ अभयकुमारचरितप्रशस्तिः कुमारगणि P/. जिनेश्वरसूरि द्वि० १३१३ बीजापुर मु० ४ अमरूशतक बालावबोध रामविजय (रुपचन्द्र) P/. दयासिंह १७६१ अ० बालचित्तोड़ १६० ५ अरजिनस्तवः (चित्रकाव्य) स्वोपज्ञ टीकासह श्रीवल्लभोपाध्याय P/. ज्ञानविमलो० १७वीं मु० विनयसागर ६ अविदपदशतार्थी विनयसागर P/. सुमतिकलश पिप्पलक १७वीं म० ७ अष्टलक्षी (अनेकार्थरत्नमंजूषा) समयसुन्दरोपाध्याय १६४६ लाहोर मु० ८ अष्टसप्ततिका (चित्रकूटोयवीरचैत्यप्रशस्तिः) जिनवल्लभसूरि ११६३ चित्तोड़ अ० विनय वल्लभभारती ६ अष्टा श्लोकवृत्ति सूरचन्द्रोपाध्याय १७वीं अ० यतिऋद्धिकरण चूरू १० आईय क्लबितें श्लोकव्याख्या सूरचन्द्रोपाध्याय १७वीं अ० पुण्य० अहमदाबाद ११ आचारदिनकर-लेखनप्रशस्ति: वादीहर्षनन्दन P/. समयसुन्दर १७वीं अ० १२ उद्गच्छत्सूर्यबिम्बाष्टक समयसुन्दरोपाध्याय १७वीं मु० १३ उपकेश शब्दव्युत्पत्तिः श्रीवल्लभोपाध्याध्य P/. ज्ञानविमल १६५५ बीकानेर अ० बड़ा भंडार बीकानेर १४ कर्पूरमञ्जरी-सट्टक-टीका (राजशेखरीय) धर्मचन्द्र P/. जिनसागरसूरि पिप्पलक १६वीं अ० रॉयल एशि० सो० बं० १५ कर्मचन्द्रवंशप्रबन्ध जयसोमोपाध्याय १६५० लाहोर मु० १६ , टीका गुणविनयोपाध्याय P/. जयसोम १६५६ तोसामपुर मु० १७ कल्पसूत्र-लेखनप्रशस्तिः साधुसोम P/. सिद्धान्तरुचि १५१७ पाटण अ० भावनगर भंडार १८ कादम्बरीमण्डन मन्त्रि-मण्डन P/. वाग्भट (वाहड़) १५वीं मंडवगढ़ मु० १६ कामोद्दीपन (जयपुरप्रतापसिंहवर्णन) ज्ञानसार १८५६ जयपुर अ० अभय बीकानेर २० काव्यमण्डन मन्त्रि-मण्डन S/. वाग्भट (बाहड) १५वीं मु० २१ कुमारसम्भव महाकाव्य (कालिदासीय) टीका क्षेमहंस १६वीं उल्लेख-स्वकृत रघुवंश टीका Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264 265 266 267 268 269 270 271 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300