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मणिधारी श्री जिनचन्द्रसूरि
ग्राम चोरसिदान के बन में श्री जिनचन्द्र सूरि जी महाराज संघ के साथ विचर रहे थे. वहां पर डाकू लोग आगये तो श्री संघ घबरा गया उस समय गुरुदेव ने कोटाकोर रेखा रवीची जिससे डाकू संघ को ना देख सके और संघ ने सबको देखा
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फाटोकार रेसा
चोर सिदान के मार्ग में मणिधारीजी द्वारा मलेच्छों से संघ की रक्षा
अ.यु.प्र.बृ.म.१००८ माराधारी श्री निर
सूरिजी महाराज दूसरे दादा गुरू)
की शव यात्रा २३ महि १४
निर्यान विमान में मणिधारी जी का अन्तिम दर्शन दिल्ली में स्वर्गवास सं००१२२३ द्वितीय भाद्र कृष्ण १४ www.jainelibrary.org