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देखेगा वह उतना ही आगे बढ़ सकेगा। मैं कुछ नहीं करता, आपको सपने दिखाऊँगा और सपने दिखाकर उन्हें सत्य में कैसे ढाला जाए, बस आपको उस ऊँचाई तक पहुँचाऊँगा। आप लोग केवल रात को सपने देखते हैं, सोयेसोये। रात के सपनों में कोई दम नहीं होता।आँख खुलते ही मैटर फिनिश हो जाता है। मैं वे सपने दिखाता हूँ जो ज़िंदगी बनाए, जो जीवन का निर्माण करें, इंसान को ऊँचा उठाए।
मन की शक्ति रखें सुरक्षित, ऐसे स्वप्न सजाएँ। प्रगति के जो दीप जलाए, वही दृष्टि अपनाएँ। बेहतर रखें नज़रिया अपना, बेहतर क़दम हमारा।
बदलें जीवन धारा॥ नज़रिया कैसा हो? हमेशा आधा गिलास भरा हुआ देखो, खाली मत देखो। हमेशा फूलों पर गौर करो, काँटों पर नज़र मत डालो। सभी पंथ-परम्पराओं के रास्ते जुदा होते हैं,पर मंज़िल सबकी एक होती है।
बेहतर रखें नज़रिया अपना, बेहतर क़दम हमारा। बदलें जीवन धारा॥ सही सोच हो, सही दृष्टि हो, सही हो कर्म हमारा।
बदलें जीवन धारा॥ एन्जॉय एव्हरी मोमेन्ट। जीवन के हर पल का आनन्द लीजिए, क्योंकि जो पल बीत जाएगा वह वापस नहीं आने वाला। रूठे हुए देवता को मनाया जा सकता है, पर बीते हुए समय को वापस नहीं लौटाया जा सकता। एन्जॉय एव्हरी मोमेन्ट।
मेहनत को हम दीप बनायें, लगन को समझें ज्योति ॥
पत्थर में से हीरा जन्मे, और सागर में मोती। एक चौबीस-पच्चीस वर्षीया बहिन मेरे पास आई और कहने लगी कि प्रभु मेरी आपबीती सुनेंगे तो आपकी आँखों में आँसू आ जायेंगे। मैंने पूछा - 'बहिन, क्या हो गया आपको?' बहिन बोली – 'साहब, सात महीने हो गए, मेरे पति गुजर गए। ससुराल से यह कहकर निकाल दिया गया कि मनहूस है, हमारे बेटे को खा गई। अपने पति को खा गई। मेरे माँ-बाप नहीं हैं, केवल एक छोटा भाई है, जिसकी अभी तक शादी भी नहीं हुई है। बड़ी ग़रीबी में पलकर बड़ी हुई, शादी 22 |
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