Book Title: Kaise Khole Kismat ke Tale
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 61
________________ रही थी, हमने उसके ज्ञान की पूर्ति की नहीं और परिणाम क्या निकला? बच्चे इसी कारण से मंदबुद्धि, जड़बुद्धि बनते हैं, क्योंकि माँ-बाप उनकी जिज्ञासाओं की पूर्ति नहीं करते। आप ऐसा कीजिए बहिन जी कि अगर आपको ज़वाब आता है तो दीजिए, नहीं तो यह कहिए बेटा, यह तेरा सवाल मुझे नहीं आता, कल तेरे पापा से पूछकर बताऊँगी।अगर पापा से पूछा और पापा से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो बेटे की चिमटी भरने की बजाय कहिए बेटा कल मैं तेरी मैडम से पूछूगी और फिर बताऊँगी, और कोई न मिले तो मुझे आकर पूछ लीजिएगा, पर बच्चे की प्रतिभा की, उसके टेलेंट की हत्या मत कीजिएगा। बच्चा आपसे जिज्ञासा रख रहा है, उसकी जिज्ञासाओं की पूर्ति कीजिए। जिज्ञासा प्रतिभा-जागरण की पहली सीढ़ी है। ___ अपने बच्चे के टेलेंट को आगे बढ़ाने के लिए उनको विद्यालय बेहतर से बेहतर दीजिए, अपने बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करवाइए, क्योंकि बेहतर शिक्षा नींव का काम करती है। बहुत अच्छे-अच्छे विद्यालय हैं। हमारी जो सरकारी स्कूलें हैं उनकी हालत तो बहुत पतली होती जा रही है। हमारे देश में विद्यालय तो खूब बन गए। देश का 30 प्रतिशत धन केवल शिक्षा पर खर्च हो रहा है, लेकिन कोई भी आदमी अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहता। विद्यालय तो बन गए, विद्यालय की बिल्डिंग बन गई, विद्यालय में टीचर भी चले गए, मगर पढ़ने-पढ़ाने का वहाँ स्तर नहीं है। लोग समझते हैं, सरकारी स्कूल में कच्ची बस्ती के लोग पढ़ते हैं। हाँ, हमारे देश को अगर केवल कच्ची झोंपड़ बस्ती को ही पढ़ाना है तो सरकारी स्कूल जैसी चल रही है, वैसी ही चलने दो, पर अगर लगता है कि हमें अपने देश के आने वाले कल का निर्माण करना है तो सरकारी स्कूलों को अपना स्टैण्डर्ड उतना ही ऊँचा करना पड़ेगा, जितना कि किसी दिल्ली पब्लिक स्कूल, किसी क्रिश्चियन स्कूल, किसी हाई लेवल के स्कूल का स्टैण्डर्ड है। स्कूलों का मूल्यांकन भी सरकार को करना चाहिए। पता नहीं मध्यप्रदेश या अन्य प्रदेशों में क्या व्यवस्था है? राजस्थान में तो मैंने देखा कि वहाँ पर स्कूलों में रोजाना भोजन खिलाया जाता है। मास्टरों का काम वहाँ पर यह रह गया कि बच्चों के लिए दलिया बनाओ, रोटी-दाल बनाओ और खिलाओ। मैं सरकारों से पूछना चाहूँगा कि आपने विद्यालय खोले हैं कि भोजनशाला खोली है? अगर लगता है कि बच्चों को स्कूल तक बुलाने के लिए अन्न देने से ही कच्ची बस्ती के बच्चे 62 | Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130