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और छोटी सोच का छोटा जादू। मेरे पास अगर कोई देवदूत आए और मुझे कोई जादू की छड़ी देते हुए कहे कि तुम सबसे पहले इससे क्या करोगे तो मेरा जवाब होगा - इंसानियत का भला। मैं लोगों की सोच बदलना चाहूँगा, सोच को सौम्य और निर्मल बनाना चाहूँगा क्योंकि सोच अच्छी तो दुनिया अच्छी!
सोच चाहे जीवन से जुड़ी हो, चाहे परिवार, समाज या व्यापार से, सोच को शालीन, प्रेमपूर्ण और मधुर रखो। दूसरे शब्दों में यही सकारात्मक अन्तर-दशा है। अच्छी सोच अच्छे जीवन का आधार है। आपके टूटे हुए रिश्ते फिर से जुड़ सकते हैं, मन में घर कर चुकी हीन भावनाएँ दूर होकर आप फिर से आत्मविश्वास से भर सकते हैं बशर्ते आप सकारात्मक सोच अपनाने के प्रति सकारात्मक हों। आपके दो सकारात्मक क़दम आपके जीवन में नया सवेरा ला सकते हैं।
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